छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तुलसी साहू

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प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के द्वारा प्रदेश के 146 ब्लॉक के 10568 पंचायत सचिव अपने एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण को लेकर 16 मार्च 2023 से काम बंद कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल में सभी ब्लॉक मुख्यालय में बैठे हैं । हड़ताल आज 23वा दिन की ओर अग्रसर है परंतु शासन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई बातचीत हमसे नहीं किया गया है जो न्याय संगत नहीं है , हम 27 वर्ष से सेवा देते आ रहे हैं , 27 वर्ष सेवा के बाद भी हमे

शासकिय सेवक घोषित नहीं किया गया है, जिसमें सचिवों में आक्रोश है। शिक्षा कर्मी वर्ग 3 की नियुक्ति ग्राम पंचायत में सचिव के हस्ताक्षर किया गया था जिनका शासकीय करण हो गया है।(2)पंचायत सचिवों को हड़ताल में जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधि मंडल से 24 जनवरी 2021 को मिलकर पंचायत सचिवों का दिसंबर 2021 तक शासकीय करण करने का वादा किया गया था । पंचायत सचिव / शिक्षा सम्मेलन इंदौर स्टेडियम रायपुर में दिनांक 29 मार्च 2022 को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मंच से पंचायत सचिवों का शासकीय करण करने हेतु घोषणा किया गया था ! माननीय पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे जी द्वारा 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिवों के 70 से अधिक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीय करण आगामी बजट में पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया गया था , परंतु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों के शासकीय करण के संबंध में कोई प्रावधान नहीं होने से छत्तीसगढ़ के 10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार की दुखी एवं आक्रोशित है । 70 विधायक गण द्वारा भी पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने हेतु अनुशंसा किया गया है । उसके बाद भी आज तक पंचायत सचिवों का शासकीय करण नहीं किया गया है जिससे हम क्षुब्ध होकर हड़ताल पर बैठे है(3) पंचायत सचिवों के ग्राम विकास में भूमिका छत्तीसगढ़ में कार्यरत पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं , राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना जैसे गोधन न्याय योजना (नरवा गरवा घुरवा बाड़ी), राजीव गांधी किसान न्याय योजना ,राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना , मनरेगा , प्रधानमंत्री आवास , सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में स्थित पंचायत राज व्यवस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी शासकीय सेवक है परंतु पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव 27 वर्ष बाद भी शासकीय सेवक नहीं है , पंचायत सचिवों को विभाग में कार्य करते हुए 27 वर्ष से अधिक हो गया सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी ,वन कर्मी, लोक निर्माण विभाग के कर्मी को शासकीय करण कर दिया गया है ,परंतु सचिव को शासकीय करण से वंचित रखा गया है ।प्रदेश में कार्यरत 10568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके 7184 पंचायत सचिवों को शासकीय करण का वेतनमान 5200 — 20200 ग्रेड पे 2400 ,मिल रहा है एवं 15 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले पंचायत सचिव जिनका संख्या 3384 को 3500–10000 ग्रेड पे 1100 का वेतनमान मिल रहा ।राज्य सरकार के कर्मचारी/ शासकीय कर्मचारी नहीं होने से शासकीय सेवक की भांति अन्य सुविधा जैसे OPS, चिकित्सा भत्ता, अर्जित अवकाश, TA, क्रमोन्नति, पदोन्नति , बीमा , ग्रेजुएटी के लाभ से वंचित है । परीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण करने से विभाग को लगभग 75 करोड अतिरिक्त भार आएगा । कोरोना काल के बाद हमारे पंचायत सचिव कार्य की अधिकता होने के कारण 172 सचिव मृत्यु लोक को प्राप्त कर चुके हैं एवं 103 रिटायर हो गए हैं ,इनके परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे है एवं जो सचिव रिटायर हुए हैं वह पंचायत विभाग में 27 वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के बाद आज टमाटर बेच कर अपने परिवार का जीवन यापन चला रहे हैं*
(4) सचिवों के हड़ताल में जाने से पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से शासन के महत्वकांक्षी योजना सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण, बेरोजगारी भत्ता, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना, किसान न्याय योजना ,गोबर खरीदी ,रिपा कार्य ,गौठान के समस्त कार्य ,मनरेगा के कार्य, जन्म मृत्यु पंजीयन, राशन कार्ड , प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत बृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन दिव्यांग पेंशन ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन ,सुखद सहारा पेंशन, मुख्यमंत्री पेंशन ,राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना, श्रद्धांजलि योजना, पेयजल ,शौचालय निर्माण, वन अधिकार पट्टा वितरण, स्वामित्व योजना सर्वेक्षण ,ग्राम सभा बजट निर्माण, समस्त निर्माण कार्य एवं वित्तीय वर्ष के अंतिम होने से लेखा-जोखा के कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित है।
(5) बात है अभिमान के छत्तीसगढ़ स्वाभिमान के छत्तीसगढ़ में कार्यरत पंचायत सचिव किसान मजदूर के संतान हैं जो पूर्ण रूप से गांव में निवास करते हैं , पंचायत के सचिव शासकीय सेवा से संबंधित समस्त कार्यों को छत्तीसगढ़िया गौरव के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाते हैं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री माननीय श्री भूपेश बघेल जी के बनते ही यह उम्मीद जागी थी कि एक किसान पुत्र न्याय योजनाओं के तहत पंचायत सचिवों के शासकीय करण की मांग को पूर्ण करेंगे इसी उम्मीद और न्याय अपेक्षा में पंचायत सचिव मुख्यमंत्री की ओर आस लगाकर बैठे हुए हैं
(6)आंदोलन के आगामी रूपरेखा पंचायत सचिव के एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण के मांग को सरकार शीघ्र पूरा नहीं करती है तो यह आंदोलन जन आक्रोश के साथ परिवर्तित हो जाएगा , आगामी समय में हम क्रमिक भूख हड़ताल , आमरण अनशन , जेल भरो आंदोलन करेंगे उसके बाद भी सरकार द्वारा सकारात्मक पहल नहीं करती है तो मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी*
तुलसी साहू (प्रदेश अध्यक्ष)पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़