नई दिल्ली। इनकम टैक्स असेसमेंट वर्ष 2017-18 वित्त वर्ष 2016-17 में सिर्फ 61 व्यक्तिगत करदाताओं ने अपनी आय 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी। इससे एक साल पहले असेसमेंट वर्ष 2016-17 वित्त वर्ष 2015-16 में ऐसे लोगों की संख्या महज 38 थी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। इनकम टैक्स रिटर्न में 100 करोड़ रुपये से अधिक की आय दिखाने वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या असेसमेंट वर्ष 2014-15 में 24 थी। तब से देश में ऐसे करदाताओं की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है। मंत्री ने हालांकि यह भी कहा कि किसी को अरबपति के रूप में वर्गीकृत किए जाने के लिए देश में इस वक्त कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। सीबीडीटी द्वारा अक्टूबर 2018 में जारी किए गए एक आंकड़े के मुताबिक असेसमेंट वर्ष 2017-18 में सिर्फ एक व्यक्ति ने इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी आय 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी। उसने अपनी आय 919 करोड़ रुपये दिखाई थी। इससे एक साल पहले इनकम टैक्स रिटर्न में 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय दिखाने वाले लोगों की संख्या चार थी और उनकी कुल आय 2,730 करोड़ रुपये थी। एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि सरकार बेनामी संपत्ति हस्तांतरण कानून के तहत कार्रवाई कर रही है और विभिन्न एजेंसियों ने कुल 6,900 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2018 तक 2,000 से अधिक बेनामी हस्तांरणों की पहचान की है। इनमें बैंक अकाउंट्स में जमा, भूखंड, फ्लैट और आभूषण भी शामिल हैं। 1,800 से अधिक मामलों में संपत्ति को अस्थायी तौर पर जब्त किया गया है।