आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की रायपुर जिला अध्यक्ष भुनेश्वरी तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एक लम्बे समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखते आ रहे है। लेकिन अभी तक हमारी एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। भुनेश्वरी तिवारी ने आगे बताया कि सरकार से बहुत ही दुखी होकर सभी जिला अध्यक्षों की सहमति से 9 सितम्बर को निर्जला उपवास रहते हुए प्रदेश की सभी कार्यकर्ता सहायिका बहने मैदान में उतरने के लिए बाध्य हुई है। कांग्रेस सरकार को आए तीन साल पूरा होने वाला है लेकिन हमारी मांग वहीं के वहीं।गौरतलब है कि 5 मार्च 2018 से 22 अप्रैल 2018 तक 50 दिन की हड़ताल ईदगाह भाठा में भाजपा सरकार के समय हुई थी, उसी समय पंडाल में भूपेश बघेल भैया हमारी माँगां का समर्थन में आए थे और हमारी मांगो को देखकर बोले कि आप लोगो की मांग जायज है सरकार को आप लोगो की मांग पूरी करनी चाहिए और साथ यह भी कहा अगर हमारी सरकार आती है तो आप लोगो की मांग पहले पूरा करेंगे।लेकिन कांग्रेस की सरकार आने पर भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई। कर्मचारी भवन में बाबा टी एस सिंह देव के द्वारा जन घोषणा पत्र में हमारी मांगो को रखा गया था और बोले कि आप लोगो की मांग 10 दिन के अंदर पूरा कर दिया जाएगा। सत्ता में आने के बाद सब वादा भूल गए। पिछली सरकार परिवर्तन में हम छत्तीसगढ़ की कार्यकर्ता सहायिकाओ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 9 सितम्बर तिजाउपवास का हम छत्तीसगड़ महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण उपवास है और ये हमारी छत्तीसगढिया सरकार से ज्यादा भली भांति कोई नहीं जान सकता। बहुत सी बहने किसी कारण वश 3 से 4 साल के बाद मायके नहीं जा पाते उन्हे तीज त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है कब मायके जाए मां बाप भाई का दुलार पा सके। लेकिन इन सभी भावनाओं का त्याग कर हम कार्यकर्ता सहायिका बहने धरना स्थल को ही मायका बनाकर वहीं पंडाल मे शिवलिंग बनाकर पूजा पाठ कर भजन कीर्तन करते हुए मुख्यमंत्री को बड़े भाई मानकर तीजहारिन के रूप में अपनी मांगो को उपहार स्वरूप मांगेंगे। क्या मुख्यमंत्री देगें बहनों को तीजा का उपहार! तीजा में मायके आए बहन बेटी को उपहार देने की प्रथा है। अब देखते है हमारी छत्तीसगढ़ सरकार हमारी कितना मान सम्मान करती है। मुख्यमंत्री को बड़े भाई माना है हमारी मांग को भेट स्वरूप पूरा करें। अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती तो इस स्थिती में पूरे छत्तीसगढ़ की कार्यकर्ता सहायिका चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगी। संघ की 4 सूत्रीय माँगें
शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक कलेक्टर दर दिया जाए।
हड़ताल व बर्खास्त अवधि का मानदेय तत्काल दिया जाए।
पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकाला जाए, कार्यकर्ताओ को पदोन्नति दिया जाए।
सेवा समाप्ति के बाद कार्यकर्ता को 5 लाख सहायिकाओं को 3 लाख दिया जाए।