कोरोना महामारी के चलते पिछले कई दिनों से लोकसेवा केंद्र/चॉइस सेंटर बंद था। जिसे जून महीने से चालू किया गया है। फिर से लोकसेवा केंद्र/चॉइस सेंटर आईडी बंद होने के कारण जिले के सैकड़ों किसान नकल, बंटवारा और नामांतरण आदि कार्यों के लिए तथा छात्र जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। लोक सेवा केंद्र पूर्णत: ऑनलाइन हैं, चिन्हित सेवा के लिए आवेदन, केंद्र में मौजूद ऑपरेटर द्वारा ऑनलाइन जमा कराया जाता है।
गौरतलब हो कि नागरिकों को समय पर सेवाएं मिलें, इसके लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर/लोक सेवा केंद्रों की स्थापना की गई हैं। इन केंद्रों के जरिए कोई भी आम नागरिक एक्ट में उल्लेखित सेवाओं का लाभ ले सकता है। प्रत्येक सेवा के लिए समय-सीमा तय की गई है। अगर इस अवधि में आवेदक को सेवा नहीं मिलती है, तो कोताही बरतने वाले अधिकारी पर जुर्माना तक करने का प्रावधान है। वही बैठक में नहीं आने से नाराज गरियाबंद ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर ने जिले के सैकड़ों चॉइस सेंटर/लोकसेवा केंद्र ऑपरेटरो की आईडी को 23 जुलाई शुक्रवार से बंद कर दिए हैं। कोरोना महामारी के चलते अफसर व कर्मचारी लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। वहीं जिले कि ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर चॉइस सेंटर ऑपरेटरों कि बैठक के नाम पर भारी भीड़ लगा रहें है। सोशल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रखा गया तो, ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। चॉइस सेंटर ऑपरेटरों ने दबी जुबान बताया ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर का व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम के अंतर्गत नहीं है। हमेशा बैठक के नाम पर आईडी बंद करने की धमकी देता रहता हैं। वही ई-डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में ऑफिशियल टाइम में भी ताला लटका रहता हैं। हालांकि इस बारे में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर मिथिलेश देवांगन की प्रतिक्रिया व उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।