इस महाशिवरात्रि 21 फरवरी को है। इस बार 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बन रहा है। शिवश मंदिर और शिवालयों में तैयारी शुरू हो गयी है। शिवरात्रि के दिन शनि स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। यह एक दुर्लभ योग है। इस योग में भगवान शिव की आराधना करने से शनि, गुरु, शुक्र के दोषों से मुक्ति मिलती है। नए कार्य की शुरुआत के लिए भी यह खास योग माना जाता है। 21 फरवरी को बुध और सूर्य कुंभ राशि में एक साथ रहेंगे। इससे बुध-आदित्य योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सभी ग्रह राहू-केतु के मध्य रहेंगे। इस वजह से सर्पयोग भी बन रहा है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनायी जाती है। 21 फरवरी को संध्या 5.24 बजे से चतुर्दशी प्रवेश कर जायेगा। शिवरात्रि को कई श्रद्धालु निर्जला व्रत रख रात्रि जागरण करते हैं। ऐसा करने से श्रद्धालुओं को शिवलोक की प्राप्ति होती है। कई मंदिरों में इस दिन शिव-पार्वती का मिलन के साथ श्रद्धालु शिवलिंग पर मोर चढ़ाकर विवाह संपन्न कराते हैं।