गोधन न कोई योजना है न ही बजट में कोई प्रावधान, यह केंद्र सरकार की गोवर्धन योजना- बोले बजाज

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गरियाबंद। भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक बजाज ने राज्य की कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने पर भूपेश सरकार जवाब दो ढाई साल का हिसाब दो को लेकर प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से निशाना साधते हुए कहा की पूरे प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं, कहीं कोई कार्य दिख नहीं दे रहा है। गंगाजल को हाथ में लेकर शराबबंदी करने का वादा किया था। लेकिन शराब तुम्हर द्वार हो गई । जिसमें अब शराब की घर पहुंच से सेवा दी जा रही है। बेरोजगारी, किसान पेंशन योजना सहित अनेक लोक-लुभावन वादा जनघोषणा पत्र में कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले किए थे। उसे अब तक पूरा नहीं कर पाई है। बजाज ने कहा ढाई साल में कांग्रेस केवल कुर्सी की लड़ाई चल रही है। लेकिन आमजनता का हित होना चाहिए। किसानों को समुचित बीज, खाद, संसाधन मिलें और खरीदी की व्यवस्था हो, इसकी चिंता सरकार को करनी चाहिए। जिसमें राज्य सरकार पूरी तरह से विफल हो रही है। इस दौरान पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश साहू, महामंत्री अनिल चंद्राकर, कोषाध्यक्ष राहुल सेन, नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन, मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके, जिला प्रचार-प्रसार मंत्री राधेश्याम सोनवानी मौजूद थे।

प्रेसवार्ता में बजाज ने कहा कि गोधन योजना न कोई योजना है और न ही बजट में कोई प्रावधान है, यह केंद्र सरकार की गोवर्धन योजना है। प्रधानमंत्री ने फरवरी 2018 को इसकी घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत गोबर का समुचित उपयोग हो, इससे गोबर गैंस, कंपोस्ट खाद एवं स्वच्छता बनी रहे, इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन में इस गोवर्धन योजना को मर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि यह केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। इसके अंतर्गत आबंटित राशि का उपयोग गोबर के इस्तेमाल के लिए हो रहा है। इसका लाभ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरा देश ले रहा है। इस योजनांतर्गत जो संयंत्र लगा रहे हैं, उन्हें केंद्र सरकार से अनुदान राशि दी जा रही है, जो कि गोबर की खरीदी कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पास 68 विधायक हैं, उन्हें तो बेफिक्र होकर कार्य करने चाहिए, लेकिन आपस में ही उलझे हुए हैं। ढाई साल के कार्यकाल की बात सोशल मीडिया में चल रही है, जिसमें मंत्री सफाई दे रहे हैं। कहा कि खरीफ सीजन शुरू हो गया है, मानसून ने दस्तक दे दी है। किसानों को बीज चाहिए, लेकिन बीज नहीं है। जानकारी देते हुए बताया कि बीज निगम से जिले को 65 हेक्टेयर (162 एकड़) के लिए बीज उपलब्ध हुआ है। बीज का आबंटन कम कर दिया गया है। खाद की दर केंद्र की मोदी सरकार ने साढ़े 12 सौ कर दिया है, उसे इन्होंने 18 सौ रुपए में बेचा है। उनके घोषणा के बाद जब मामला तूल पकड़ा तब इन्होंने उस निर्णय को सुधारा है। कुल मिलाकर किसानों, नौजवानों के साथ अन्याय हो रहा है।