रायपुर । सर्व आदिवासी समाज ने गुरुवार को राजधानी के बूढ़ातालाब स्थित इनडोर स्टेडियम में सीएए, एनआरसी के खिलाफ हल्ला बोला। यहां राज्य भर से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी समर्थन में पहुंचे। आदिवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज असम की समस्या को केंद्र सरकार ने देशव्यापी बना दिया है। सीएए, एनआरसी से लाखों लोग प्रभावित होंगे। आज भारत के नागरिक को अपनी जन्मतिथि बतानी पड़ेगी। वहीं सीएए, एनआरसी के कारण भूतपूर्व राष्ट्रपति के परिवार वालों को भारतीय होना प्रमाणित करना पड़ रहा है। इसके अलावा कारगिल युद्ध की लड़ाई में सम्मानित हो चुके योद्धाओं को भी प्रमाणित करना पड़ेगा। इससे बड़ा दुख और क्या होगा।
उन्होंने प्रदेश भर से पहुंचे आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को घुसपैठियों को पकड़ना चाहिए। उनके पास सीबीआइ जैसे कई हथियार हैं, लेकिन उल्टा भारत के नागरिकों को परेशान कर रहे हैं। आज भाजपा आदिवासियों को हटाना चाहता है तो कांग्रेस बसाना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि दो महीने से बंद पड़े वन अधिकार पट्टा को आदिवासियों को जल्द ही बांटा जाएगा। सम्मेलन में मुख्य रूप से उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षामंत्री प्रेमसाय टेकाम, खाद्यमंत्री अमरजीत भगत, कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम, महासचिव एनएस मंडावी समेत हजारों की संख्या में आदिवासियों ने सीएए, एनआरसी के विरोध एवं पदोन्नति में आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की।