रायपुर – राजधानी रायपुर के न्यू राजेंद्रनगर के सोनू स्टील में छापा मारकर भारी मात्रा में कच्चे बिल जब्त किए हैं। जीएसटी अफसरों के मुताबिक इस फर्म ने दो साल में लोहे और स्टील का 867 करोड़ का कारोबार किया, लेकिन टैक्स केवल 40 लाख रुपए ही पटाया।
जीएसटी अफसरों को शक तब हुआ,जब उसने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर 1 करोड़ रुपए रिफंड भी ले लिया। जीएसटी की टीम देर रात तक फर्म के दफ्तर में डटी है। अफसरों के मुताबिक शुरुआती जांच में ही कारोबारी की टैक्स लाएबिलिटी 6 करोड़ रुपए से अधिक की निकल चुकी है। जांच खत्म होने तक रकम का बढ़ना तय है। स्टेट जीएसटी विभाग के इंफोर्समेट विभाग के हेड गोपाल वर्मा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने एक-एक बिल की जांच शुरू कर दी है।सोनू स्टील का सारा कारोबार एक थ्री बीएचके दफ्तर से चल रहा है। यह कंपनी के संचालक का घर भी है और एक कमरे में दफ्तर चल रहा है। इसी जगह से 867 करोड़ रुपए के कारोबार से अफसर भी चकित हैं। अफसरों की टीम यह देखकर भी हैरान रह गई कि सारे सौदे करोड़ों में ही हैं। यानी दफ्तर में एक ही दिन में कई करोड़ का माल आया और उसी दिन बिक भी गया। अफसरों के मुताबिक यह अब तक का पहला मामला है। जीएसटी छापे के बाद सोनू स्टील के संचालक ने तर्क दिया कि उसने 400 करोड़ का माल घाटे में बेचा है। मंदी और डिमांड में कमी की वजह से लोहा और स्टील की कीमत कम हो गई। बड़ी रकम कारोबार में फंसने के डर से उसने माल घाटे में ही बेचना पड़ गया। इस वजह से उसे बड़ा नुकसान भी हुआ है। इधर, अफसरों ने सोनू स्टील ट्रेडर्स के रिटर्न की जांच की तो पता चला कि बड़ा कारोबार होने के बावजूद उसकी इंट्री नहीं की जा रही है। नवंबर से जनवरी तक सेल तो बढ़ी, लेकिन रिटर्न में कम टर्नओवर बताया गया। यानी बिल लगातार जनरेट हुए, लेकिन रिटर्न में एंट्री नहीं हुई। फिरहाल जीएसटी विभाग अभी जाांांच कर रहा है,