नई दिल्ली। मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार का साथ देते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को समर्थन दे दिया है। जहां एक ओर महाराष्ट्र में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं ठाकरे ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करेंगे। उद्धव ठाकरे के इस फैसले से उनके गठबंधन सहयोगी एनसीपी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। उनका यह फैसला राज्य में उनकी सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच तल्खी बढ़ाने का काम कर सकता है। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘मेरी महाराष्ट्र से संबंधित कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत हुई। मैंने उनके साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भी बात की। किसी को भी सीएए से डरने की जरुरत नहीं है। एनपीआर किसी को भी देश से बाहर नहीं निकालेगा।’ मुख्यमंत्री का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद आया है और इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ शिष्टाचार मुलाकात की। कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे जोकि महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी हैं उन्होंने ठाकरे के बयान के बयान को अपवाद के तौर पर लेते हुए कहा है कि राज्य में सीएए और एनपीआर को लागू करने का फैसला एकतरफा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एनपीआर का मुद्दा राज्य स्तरीय समन्वय समिति द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात करार दिया और दावा किया कि सोनिया और ठाकरे के बीच एनपीआर को लेकर कोई बात नहीं हुई है।