एसिडिटी कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन आधुनिक जीवन शैली के बुरे प्रभाव के कारण इसके खतरे का स्तर बढ़ता जा रहा है। आमतौर पर खट्टी डकार आना, पेट फूलना, सीने और पेट में जलन एसिडिटी के लक्षण माने गए हैं। साधारण खाना खाने वाले को भी कभी-कभी ऐसा हो सकता है, लेकिन वक्त-बेवक्त खाना खाने वालों के साथ ही ज्यादा स्पाइसी, तला-गला पसंद करने वालों और ज्यादा शराब पीने वालों में यह बीमारी खतरनाक हो सकती है।
डॉ. के अनुसार, पेट के अम्लीय पदार्थों का खाने की नली में आ जाना एसिडिटी का मुख्य कारण होता है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचता है।
एसिडिटी को काबू करने के घरेलू उपाय:
कुछ सरल प्राकृतिक उपायों की मदद से एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है। जिन लोगों को अक्सर इसकी समस्या रहती है, वे रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुना पानी पिएं। खाना खाते समय या खाना खाने के ठीक बाद पानी पीने से बचें। खाना खाने के करीब 15 मिनट तक कुछ न खाएं। जब शरीर को पानी की जरूरत होगी, वह अपने आप मांग लेगा।
तुलसी-एसिडिटी के इलाज में तुलसी रामबाण दवा है। जैसे ही एसिडिटी की समस्या हो, तुलसी के कुछ पत्ते चबा लें। तत्काल आराम मिलेगा। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है।
दालचीनी-दालचीनी पाचन के लिए अच्छी होती है। एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी डालें और उबाल लें। इसको ठंडा होने पर दिन में चार से पांच बार पिएं। सलाद या सूप में दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है।
छाछ-छाछ भी एसिडिटी का कारगर उपाय है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है, जो एसिडिटी को सामान्य करने में मदद करता है। छाछ में काली मिर्च और धनिया की पत्तियां मिलाकर सेवन करें। इसके अलावा छाछ में मेथी बीज का पेस्ट मिलकर सेवन करने से एसिडिटी से होने वाला पेट दर्द दूर हो जाता है।
लौंग-पेट में ज्यादा जलन हो रही है तो लौंग चबाएं। इसके उपयोग का दूसरा तरीका है- लौंग को क्रश कर लें और उतनी ही मात्रा में इलायची मिलाकर खाएं। इससे एसिड की समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा जीरा, अदरक, गुड़ और सौफ को किसी भी रूप में लिया जाए, एसिडिटी में मदद करते हैं।