आपको पता हैं? सेहत के लिए क्यों जरूरी हैं शांत वातावरण

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आजकल अधिकांश दफ्तरों तथा शहरो में लाखों लोगो को अधिक शोरगुल का सामना करना पड़ता है। इससे न सिर्फ हमारे सुनने की क्षमता पर बुरा असर होता है, बल्कि हृदय से संबंधित अनेक बीमारियों का खतरा भी रहता है। हालही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल व प्रीवेंशन के शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।
कार्यस्थलों पर अब तक शोरगुल होने के चलते कर्मचारियों की सुनने की क्षमता में कमी आने जैसी बात की ही सबको जानकारी थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में काम करने के कारण लोगों को हो रही स्वास्थ्य समस्याओं पर हर साल  सतरा अरब रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ के एक रिसर्च में एक बात यह सामने आई है कि कार्यस्थल पर अधिक शोर-शराबे का उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रोल से संबंध है। रिसर्चर डॉक्टर जॉन कहते हैं कि कार्यस्थलों पर होने वाले शोर से सुनने की क्षमता में तो कमी आती ही है बल्कि इससे हाई ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रोल और हार्ट की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं:
दिल की बीमारियों के लिए हाई कोलेस्ट्रोल, हाई रक्तचाप और हाइपरटेंशन सबसे बड़े कारण हैं। ट्रस्टेड सोर्स फॉर हार्ट डिजीज के अनुसार लगभग 6.10 लाख लोगों की दिल संबंधी बीमारियों के कारण हर साल मौत हो जाती है।ऑफिस परिसर में शांत जरूरी
रिसर्चर मास्टरसन के मुताबिक कार्यस्थलों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी सुनने में तकलीफ, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रोल की समस्या से पीड़ित थे। शोर होने के कारण दिल से जुडी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। कार्यस्थलों में होने वाले शोर को कम करने और आसपास शांति बनाए रखने की जरूरत है ताकि लोगों को इस तरह की बीमारियों से बचाया जा सके।