ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और महिलाओं का सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्रथम प्राथमिकता : भूपेश बघेल

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और महिलाओं का सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। बस्तर में जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। बस्तर में नक्सली घटनाओं में कमी आयी है। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित ‘दैनिक नव प्रदेश’ के स्थापना दिवस के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर और ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था से समृद्ध होता छत्तीसगढ़’ विषय पर आयोजित व्याख्यान की मुख्य वक्ता नेशनल हेराल्ड की ग्रुप सीनियर एडिटोरियल एडवाइजर श्रीमती मृणाल पाण्डेय विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठानों के संचालन का काम ग्रामीण महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, आंगनबाडिय़ों में पूरक पोषण कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूहों को सौंपी गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि दंतेवाड़ा में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, आंगनबाडिय़ों में पूरक पोषण आहार वितरण और सुरक्षा बलों के कैंपों के लिए हर माह लगभग 3 करोड़ रूपए की सामग्री की खरीदी की जाती है। राज्य सरकार द्वारा इस काम से स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों को जोड़ा गया है। इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं और उनकी आय का जरिया मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा जिले में गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या आगामी चार वर्षों में राष्ट्रीय औसत 22 प्रतिशत से कम करने के लिए 8 फरवरी से एक वृहत कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत आबादी गरीबी की रेखा के नीचे है। दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ जिलों में यह प्रतिशत लगभग 50 से 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सुपोषित छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की गई थी, बाद में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया। इसी तरह हाट बाजार क्लिीनिक योजना की शुरूआत भी दंतेवाड़ा में की गई थी। इस योजना का विस्तार पूरे प्रदेश के हाट बाजारों में किया गया, जिसके काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। इस वर्ष बस्तर में अन्य वर्षों की तुलना में 200 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। लेकिन हाट बाजार क्लिीनिक योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से उल्टी, दस्त, डायरिया से मृत्यु के प्रकरण सामने नहीं आए। उन्होंने बताया कि बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान प्रारंभ किया गया है। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 13 वर्षों से बंद स्कूलों को पुन: प्रारंभ किया गया। सुकमा में 105, बीजापुर में 11 और दंतेवाड़ा में ऐसे 22 स्कूलों में पढ़ाई फिर से प्रारंभ हुई है। बस्तर में लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। उन्हें हल पकड़ाया गया है। अब वहां कोई बन्दूक नहीं पकड़ेगा। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बस्तर में लोगों का राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। बस्तर में नक्सली घटनाओं में कमी आई है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नव प्रदेश के सम्पादक सहित समाचार से जुड़े सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ‘शब्द संभालकर बोलिए, शब्द के हाथ न पांव, एक शब्द औषधि करे, एक शब्द करे घाव’ सभी समाचार पत्रों के लिए यह मूल मंत्र होना चाहिए। डॉ. महंत ने राज्य सरकार की ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पुरखों के सपनों के अनुरूप हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं। श्रीमती मृणाल पाण्डेय ने राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना का उल्लेख करते हुए प्रसन्नता जताई कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण और गांवों को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप काम कर रही है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और मीडिया के राष्ट्रीय परिवेश के संबंध में भी अपने विचार प्रकट किए।