गरियाबंद । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गरियाबंद जिले के ग्राम बारुका पहुंचकर राज्य के सुप्रसिद्ध लोकगायक मिथलेश साहू के दशगात्र कार्यक्रम में उनके पैतृक गांव में शामिल हुए और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री बघेल ने स्व. साहू के परिवारजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी शोक-संवेदना प्रकट की। इस अवसर पर उन्होंने उनकी माता श्रीमती मनटोरा बाई, पत्नि श्रीमती आशालता, पुत्र खुमन साहू एवं शोक-संतप्त परिवारजनों को ढ़ांढस बंधाया। बघेल ने मंत्रीगणों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मृतक की आत्मा के शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू, गुंडरदेही विधायक कुंवर निषाद एवं पूर्व सांसद चंदूलाल साहू मौजूद थे।
इस अवसर पर उनके गृहग्राम बारूका में आयोजित शोक-सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रुआंसे गले से भावुक होकर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जाने-माने लोकगायक मिथलेश जी अब हमारे बीच नहीं रहे, इस पर सहसा विश्वास करना कठिन है, उन्होंने कहा कि उनसे आखिरी मुलाकात दीवाली के मौके पर हुई थी। बघेल ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि उनका निधन केवल उनके परिवार की नही बल्कि समाज और पूरे प्रदेश की क्षति है, उन्होंने उनकी आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉं. चरणदास महंत ने कहा कि स्व. मिथलेश साहू का निधन अत्यंत दु:खद है, एक तरह से वे हम सबके परिवार के समान थे। कला के साथ-साथ समाज के लोगों के हित के बारे में भी सोचते थे। उन्हांने भगवान से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि साहू छत्तीसगढ़ी संस्कृति के सच्चे वाहक थे वर्तमान समय में उनकी अंत्यत आवश्यकता थी। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को यादकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि राज्य की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने में उनका योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है, इस अवसर पर राज्य के सुप्रसिद्ध कलाकार भारती बंधु, कुलेश्वर ताम्रकार, कविता वासनिक, प्रेम चन्द्राकर, दीपक चंद्राकर, भूपेन्द्र साहू सहित अन्य लोक कलाकारों ने उनके सुमधुर गीत गाकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक एम आर आहिरे सहित ग्रामीणजन मौजूद थे ।