दिल्ली। मोदी सरकार ने नौकरशाही के पेंच कसने का काम शुरु कर दिया है, अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार नौकरशाही की कमियों को तेजी से दुरुस्त करने में जुटी है, इसके लिए सरकार ने विस्तृत योजना बनाई है।
अब आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर मोदी सरकार सख्त कार्रवाई करने वाली है। मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में कमिश्नर-रैंक के अधिकारियों सहित कम से कम 64 कर्मचारियों को भ्रष्टाचार सहित विभिन्न आरोपों में लिप्त होने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया। मोदी सरकार वार्षिक गोपनीय रिर्पोटों और अपने कर्मचारियों के अन्य विवरणों की समीक्षा कर रही है, उसकी नजर उन अधिकारियों पर है जो आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे हैं। केंद्र ने राज्यों को उन अधिकारियों की सूची तैयार करने के लिए लिखा है जो कदाचार या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, सूची मिलने के बाद सरकार इन पर सख्त कार्रवाई करने का प्लान बना चुकी है।