भारत के पक्ष में आईसीजे का फैसला, कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक

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हेग। पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत की राजनयिक जीत हुई हैं। नीदरलैंड के हेग में इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस (आईसीजे) ने बुधवार को जाधव की फांसी की सजा पर रोक को बरकरार रखा। इसी के साथ कोर्ट ने पाकिस्तान से सैन्य अदालत के इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए भी कहा। आईसीजे ने मामले में पाकिस्तान की तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया, अदालत ने पाकिस्तान के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारत ने जाधव की वास्तविक नागरिकता की जानकारी नहीं दी हैं। अदालत ने कहा कि यह साफ है कि जाधव भारतीय नागरिक हैं और पाकिस्तान ने भी माना है कि जाधव भारतीय नागरिक ही हैं। पाकिस्तान ने जाधव को मार्च 2016 में पकड़ा था और अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें भारतीय जासूस और आतंकवादी बताकर मौत की सजा सुनाई थी। आईसीजे ने 15-1 के बहुमत से कहा कि जाधव की मौत की सजा पर रोक बरकरार रहेगी और पाकिस्तान की सैन्य अदालत में उन्हें दोषी ठहराने और उन्हें दी गई सजा पर पुनर्विचार करने की जरूरत हैं। आईसीजे ने इस मामले में पाकिस्तान को फटकार भी लगाई, अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों के बारे में नहीं बताया और ऐसा करके उसने वियना संधि की शर्तों का उल्लंघन किया हैं। इसके साथ ही आईसीजे ने जाधव तक राजनयिक पहुंच दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया हैं। अब भारतीय उच्चायोग जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी सुविधाएं दे पाएगा । जाधव को पाकिस्तान ने भारतीय जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनाई हुई है, पाकिस्तान का कहना है कि वह आतंकी गतिविधि में शामिल थे, जबकि भारत ने इसे गलत बताते हुए इसके खिलाफ आईसीजे में अपील की हुई हैं। भारत का कहना है कि जाधव को पाकिस्तान ने ईरान से पकड़ा और जासूस तथा आतंकवादी बता दिया।