रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांग की है कि केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र का वित्तीय अंश बढ़ाया जाये तथा राज्यों के वित्तीय अंश को कम किया जाये। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं में राज्यों के अंश को लगातार बढ़ाया जा रहा है और इससे राज्यों को काफी कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा है। श्री बघेल आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित मंत्रालय द्वारा आयोजित बजट पूर्व बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, एकीकृत बाल विकास योजना और अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार को अपने अंश के रूप में अधिक राशि प्रदान करना चाहिए। बैठक में उन्होंने 4 हजार 433 करोड़ के बस्तर प्लान का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अभी तक केवल 306 करोड़ रुपए की राशि ही प्राप्त हुई है। उन्होंने शेष राशि शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि बस्तर में प्रस्तावित अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पेयजल और स्वच्छता के कार्य किये जा सके। सौभाग्य योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के मापदंड में छूट प्रदान कर 100 से अधिक जनसंख्या के प्रावधान को शिथिल कर 50 से अधिक संख्या वाले मजरों-टोलों को भी नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन का लाभ दिया जाना चाहिए। बघेल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में वन अधिकार मान्यता अधिनियम के अंतर्गत लाभान्वित परिवारों को भी इस योजना में शामिल करते हुए उनको प्रतिवर्ष 6 हजार के स्थान पर 12 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करने और औद्योगिक गतिविधियों के लिए अन्तर्देशीय परिवहन अनुदान देने की भी मांग की। उन्होंने केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय अमरकंटक के कैंपस को बस्तर में प्रारंभ करने और रायपुर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का प्रादेशिक कार्यालय प्रारंभ करने का भी आग्रह किया। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी भी उपस्थित थे।