काठमांडू। नेपाल सरकार ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर दो महीनों तक सफाई अभियान चलाया। इस दौरान 11,000 किलो कचरा चोटी से नीचे लाया गया, जिसमें आॅक्सीजन सिलेंडर, प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे, बैटरी, बचा भोजन और रसोई अपशिष्ट शामिल हैं। अभियान के दौरान चार शव भी बरामद हुए हैं। कचरे को एवरेस्ट स्थित बैस कैंप से हेलीकॉप्टर के जरिये काठमांडू पहुंचाया गया है। नेपाल की सेना के जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक देव पांडेय ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर नेपाल सैन्य प्रमुख पूर्णचंद्र थापा की उपस्थिति में बुधवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें कुछ कचरा एनजीओ ब्लू वेस्ट टू वैल्यू को दिया गया। एनजीओ इसे कचरे को री-साइकिल करके उत्पाद तैयार करेगी। पांडे ने बताया कि 14 अप्रैल से शुरू हुए अभियान का अब औपचारिक समापन हो गया। सफाई अभियान के दौरान जो 11,000 किलो कचरा साफ किया गया। इसमें से 1,000 किलो कचरा पहले दिन नीचे लाया गया था। मंगलवार को आखिरी बार 5,000 किलो कचरा नीचे लाया गया। पांडे ने बताया कि सफाई अभियान के दौरान एकत्र किए गए जैविक कचरे को एवरेस्ट के प्रवेश द्वार पर स्थित नामचे बाजार में ही डंप कर दिया गया है। पांडे ने बताया कि यह सफाई अभियान अगले साल भी किया जाएगा। एवरेस्ट की साफ-सफाई के लिए इससे पहले की भी कोशिश की गई है। साल 2014 में एक शासनादेश जारी किया गया था, जिसमें प्रत्येक पर्वतारोही को कम से कम 8 किलो कचरा नीचे लाना अनिवार्य किया गया था क्योंकि पर्वतारोहियों के अपनी चीजों को ऊपर ही छोड़ देने की वजह से ऐवरेस्ट पर गंदगी फैल रही है।