कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के प्रतीक वाक्य को बदला, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का दिया नारा

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रायपुर। कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के छत्तीसगढ़ के प्रतीक वाक्य को बदलकर गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ कर दिया है। करीब 10 साल पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने विश्वसनीय छत्तीसगढ़ का नारा दिया था और तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ का सूत्र वाक्य बना लिया था। सरकारी कामकाज में इसी नारे के लोगो इस्तेमाल किए जाने लगे। दो दिन पहले ही नया रायपुर का नाम बदलकर नवा रायपुर किया गया था। 2019 विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आई कांग्रेस ने पूर्व की सरकार की कई योजनाओं के नाम बदल दिए थे। इस पर भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध भी किया था। अब सरकारी कामकाज में विश्वसनीय छत्तीसगढ़ का इस्तेमाल भी बंद कर दिया गया है। भले ही सरकार ने इसके लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया, लेकिन धीरे-धीरे इस प्रतीक वाक्य का स्थान गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ने ले लिया है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री और कुछ बड़े अफसरों के कमरों में विश्वसनीय छत्तीसगढ़ का लोगो लगाया गया था। नए मुखिया के केबिन में विश्वसनीय छत्तीसगढ़ का स्थान गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ने ले लिया है। चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही कांग्रेस ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया था। उन्होंने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से इस नारे का काफी प्रचार भी किया। सरकार में आने के बाद यही नारा नई सरकार की पहचान बनती जा रही है। सरकारी कामकाज में भी इसी का इस्तेमाल होने लगा है। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गड़करी ने सितंबर 2010 में तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह के निवास पर राज्य के लिए प्रतीक वाक्य विश्वसनीय छत्तीसगढ़ को जारी किया था। तब कहा गया था कि शासन अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में इस प्रतीक वाक्य का इस्तेमाल करेगा। योजनाओं के साथ नई राजधानी का नाम भी बदला, कांग्रेस सरकार ने पूर्व की सरकार की कई योजनाओं के नाम एक-एक कर बदल दिए। नया रायपुर का नाम अब नवा रायपुर हो गया है, अटल नगर भी लिखा जाता रहेगा। दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर अब राजीव गांधी स्वावलंबन योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना अब इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना अब डॉ. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना, पं दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना अब राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना अब इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना, राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना अब मिनीमाता कन्या विवाह योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय अन्न श्रम सहायता योजना अब शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना के नाम से जाना जा रहा है।