मौसम में आने वाला है बदलाव, ओलावृष्टि और तेज हवाऐं चलने की संभावना

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जल्द ही उत्तराखंड के मौसम में बदलाव आने वाला है। राज्य में ओलावृष्टि और तेज हवाऐं चलेंगी। इतना ही नहीं कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने का संभावना है। मौसम के बदले मिजाज का असर किसानों पर होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 24 या 26 मई के आस-पास जोरदार बारिश हो सकती है। इस मामले में मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा कहा गया है कि राज्य के कई क्षेत्रों में हिमपात भी हो सकता है। हालांकि फिलहाल राज्य के कुछ भागों में तापमान अधिक दर्ज किया गया है। जिसके तहत ऊना में सबसे अधिक गर्मी रही। पहाड़ों पर गर्मी अभी कुछ और दिन नहीं सताएगी। इसकी वजह यह है कि मौसम के तेवर 26 मई तक कड़े रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार पांच जिलों में बुधवार और वीरवार को तूफान के साथ भारी ओलावृष्टि हो सकती है। इन दो दिनों के दौरान बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कई स्थानों पर भारी ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने का अनुमान है। वहीं 24 से 26 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा। मौसम विभाग ने 24 से 26 मई तक मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है। वहीं ऊंची चोटियों पर हिमपात हो सकता है। मौसम के बदलते तेवरों से किसानों और बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को प्रदेश के अधिकतर इलाकों में तेज धूप खिली रहीए जिससे तापमान में काफी उछाल आया। लेकिन बुधवार को प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के निदेशक डॉण् मनमोहन सिंह ने बताया मंगलवार को ऊना प्रदेश का सबसे गर्म क्षेत्र रहा। यहां का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। केलंग में सबसे ज्यादा ठंड रही। केदारनाथ में जोरदार बारिश के साथ ओले गिरे। जिससे क्षेत्र में ठंडक घुल गई। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम सुहावना हो गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बारिश का क्रम और बढ़ सकता है। हालांकि बारिश के पहले राज्य के कई क्षेत्रों में तापमान कफी अधिक रहा। प्रदेश के तीन शहर रुड़की, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में तापमान 40 डिग्री पार पहुंचा।मगर बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में गिरावट आ गई है। मगर कुछ क्षेत्रों में दिन के समय में तेज धूप होने से तापमाान बढ़ गया। ऐसे में जंगल में आग लगने की घटनाऐं भी सामने आईं। ऊषा कॉलोनी के पास जंगल में मौजूद पेडों और झाड़ियों में आग फैल गई। आग की लपटें जब वहां मौजूद लोंगों ने देखी तो वे घबराकर वहां से सुरक्षित स्थलों की ओर पहुंचे। इसके बाद लोगों ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। इसी बीच वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। काफी मशक्कत के बाद देर रात तक आग पर काबू पाया गया। दूसरी ओर मसूरी में इससे पहले 27 मई 2012 को सर्वाधिक तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। जबकि मगलवार को पारा 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पहली बार प्रदेश के तीन शहर रुड़कीए हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में तापमान 40 डिग्री पार पहुंचा।