इंदौर। देश के सातवें और आखिरी चरण में मध्यप्रदेश की आठ लोकसभा क्षेत्रों में 19 मई को मतदान होगा। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। रविवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। 1.49 करोड़ मतदाताओं के मतदान के लिए 18 हजार 411 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 55 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। मतदान करीब 90 हजार अधिकारी-कर्मचारी कराएंगे। मतदान से पहले सुबह छह बजे से सभी मतदान केंद्रों में मॉकपोल होगा। इसमें ईवीएम में न्यूनतम 50 वोट डालकर देखे जाएंगे। इनका मिलान वीवीपैट की पर्ची से होगा। इसके बाद मतदान शुरू किया जाएगा। इस चरण में लोकसभा की देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा सीटों के लिए मतदान होगा। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए 83 केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल और 49 राज्य सशस्त्र बल की कंपनियां तैनात होंगी। इसके अलावा 18 हजार विशेष पुलिस मतदान केंद्रों में लगाई जाएगी। तीन हजार 378 मतदान केंद्र क्रिटिकल की श्रेणी में रखे गए हैं। प्रदेश में तीन चरणों में 21 सीटों पर हुए चुनाव में यहां के मतदाताओं ने जमकर वोटिंग की है। अब तक तीनों चरणों में 69.26 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रदेश में पहले चरण में 74.82%, दूसरे चरण में 69.02% और तीसरे चरण में 65.24% मतदान हुआ था। जो 2014 में इन सीटों पर हुए मतदान से 9.81 प्रतिशत अधिक है। आमतौर पर मालवा-निमाड़ क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत संतोषजनक होता है। पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में 66.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या भी करीब डेढ़ करोड़ है। ऐसे में अगर आठ-दस प्रतिशत का उछाल आता है तो मप्र देश भर के सामने मिसाल पेश कर सकता है। प्रदेश में तीन चरणों के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की प्रमुख वजह महिलाओं द्वारा बंपर मतदान करना भी रहा। दूसरे चरण के चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 14.7 प्रतिशत बढ़ा। इसी तरह तीसरे चरण में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले 11.4 प्रतिशत बढ़ गया। रीवा संभाग में सबसे महिलाओं ने की वोटिंग अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक रही। खास बात यह है कि अब तक हुए 21 सीटों के मतदान में महिलाओं की वोटिंग पिछले चुनाव की तुलना में 54 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत पर पहुंच गई।