राजस्थान में क्राइम रेट कम करने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिए तीन बड़े फैसले

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राजस्थान में अलवर गैंगरेप केस के बाद पिछले चार दिन से महिला उत्पीड़न, अत्याचार और दुष्कर्म के करीब एक दर्जन मामले सामने आने और विपक्ष के गंभीर आरोपों के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन बड़े फैसले लिए है। दिल्ली से जयपुर लौटे सीएम ने एयरपोर्ट पर मीडियो से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज मैंने तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। अब एफआईआर एसपी आॅफिस में दर्ज हो सकेगी, अलवर केस अब पुलिस आॅफिसर स्कीम के अंदर लिया जाएगा और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों को लेकर एक सीओ लेवल का आॅफिसर अलग से नियुक्त होगा। सीएम गहलोत ने कहा, अलवर घटनाक्रम बड़ा गंभीर केस है। दुर्भाग्य से ऐसी घटनाएं राजस्थान में लंबे अरसे से चली आ रही हैं। कभी बीकानेर, कभी सीकर कभी अलवर। दुर्भाग्य से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं। थानागाजी दुष्कर्म मामले की जांच केस आॅफिसर स्कीम में होगी, महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के मामलों की मॉनिटरिंग के लिए सीओ लेवल का अफसर तैनात होगा, इसके लिए नया पद बनेगा, दुष्कर्म की घटनाओं की थाना स्तर पर एफआईआर नहीं होने पर एसपी आॅफिस ने दर्ज होगी। उन्होंने कहा कि बाद में एफआईआर दर्ज नहीं करने के कारणों की भी जांच होगी। सीएम ने कहा, थानागाजी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, इस मामले ने केस आॅफिसर स्कीम में लेकर दोषियों को सख्त सजा दिलवाई जाएगी। ये है तीन बड़े फैसले। फैसला नंबर 1- सीएम ने कहा, मैंने तय किया है कि एक केस आॅफीसर स्कीम होती है। इसके अंतर्गत पूरी तरह मॉनिटरिंग प्रॉसीक्यूशन पुलिस की देखरेख में होती है। इसके अंतर्गत हम लोग इस केस को ट्रांसफर करेंगे। केस आॅफिसर स्कीम उसके अंतर्गत इसकी पूरी तरह से जांच होगी और कोई बख्शा नहीं जाएगा, जिन्होंने अपराध किया है उनको मॉनिटरिंग के आधार पर सजा दिलाई जाएगी। फैसला नंबर 2- उन्होंने कहा, मैंने अभी आॅफिसर के साथ मीटिंग की है, तय किया है इन फ्यूचर में राजस्थान भर के अंदर जैसे एससी-एसटी के लिए नोडल आॅफिस होता है एक सीईओ लेवल पर जिसका काम है। एससीएसटी पर अत्याचार के केस को नोडल आॅफिसर जो सीओ है उसकी देखरेख में पूरी मॉनिटरिंग होती है। उसी रूप में मैंने तय किया है कि एक बड़ा सीओ लेवल का आॅफिसर, जो महिलाओं पर अत्याचार होते हैं उसकी मॉनिटरिंग करेगा। सिर्फ और सिर्फ महिलाओं पर अत्याचार उसमें किडनैपिंग भी आती है, रेप केस भी आते हैं, गैंगरेप भी आते हैं, सभी आएंगे सीओ लेवल का आॅफिसर उसकी मॉनिटरिंग करेगा। इन फ्यूचर पूरे राजस्थान में हर जिले के अंदर नई पोस्ट क्रिएट किए जाएगी। पूरी मॉनिटरिंग होगी इस प्रकार से हमने निर्णय किया है। फैसला नंबर 3- थाने के अंदर अगर कोई थानेदार एफआईआर दर्ज नहीं करेगा तो एसपी आॅफिस के अंदर प्रोविजन होगा। जिस थाने में जो रिपोर्ट आएगी कि थानेदार ने एफआईआर लॉज नहीं की है, एसपी आॅफिस में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि वहां एफआईआर दर्ज हो सके। फिर उसकी मॉनिटरिंग होगी कि थाने में क्यों नहीं एफआईआर लॉज हुई है! थानेदार के खिलाफ कार्यवाही होगी इस प्रकार से मैं समझता हूं कि हम कुछ कदम उठाएंगे जिससे कि राजस्थान में क्राइम रेट कम हो।