भाजपा को परास्त करने की जद्दोजहद में, महागठबंधन का झारखंड में भी अन्य प्रांतों जैसा हुआ हश्र

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रांची । सिर्फ भाजपा को परास्त करने की जद्दोजहद में बने विपक्षी महागठबंधन का झारखंड में भी हश्र अन्य प्रांतों जैसा हुआ है। आधे-अधूरे गठबंधन ने जहां दोस्ताना संघर्ष की पृष्ठभूमि बनाई है वहीं कई स्थानों पर बागी प्रत्याशी भी ताल ठोकते नजर आएंगे। दरअसल सीट शेयरिंग में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा लेने की आपाधापी में कुछ दलों ने जहां उपेक्षित महसूस किया वहीं वामदल इस चुनाव में टिकट बंटवारे की आपाधापी में हाशिये पर चले गए। नतीजतन चतरा में विपक्षी महागठबंधन के दो प्रमुख दल कांर्ग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। इससे दोस्ताना संघर्ष की नौबत आ गई है। दोनों पांव वापस खींचने को तैयार नहीं दिखते। राजद का कहना है कि प्रत्याशी यहां बीते एक साल से मेहनत कर रहा था। प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा कहते हैं.12 अप्रैल तक नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। हमारी लड़ाई भाजपा से है। सभी मिलकर भाजपा के खिलाफ काम करेंगे। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पसंदीदा सीट चतरा है। चतरा में राजद का प्रत्याशी बाहरी नहीं है। ऐसे में कांर्ग्रेस को अपना प्रत्याशी वापस ले लेना चाहिए। उधर कांर्ग्रेस इस मसले को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है। पार्टी के एक वरीय नेता के मुताबिक सारा निर्णय नई दिल्ली में हुआ है। प्रदेश नेतृत्व इसपर कोई निर्णय नहीं ले सकता। सीट शेयङ्क्षरग फामूर्ले में राजद को पलामू सीट दी गई है। प्रदेश कांर्ग्रेस मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर का दावा है कि महागठबंधन के सारे दल एकजुट हैं। कहीं दोस्ताना संघर्ष की नौबत नहीं आएगी। गोड्डा संसदीय सीट पर महागठबंधन की ओर से झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव प्रत्याशी बनाए गए हैं। यहां से कांग्रेस की भी दावेदारी है। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने टिकट हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया लेकिन असफल रहे। अब उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य यहां से झाविमो प्रत्याशी को चुनौती दे सकता है। जल्द हीं इसपर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। विपक्षी महागठबंधन के मुकाबले भाजपानीत एनडीए ने तगड़ी प्लानिंग की है। गिरिडीह सीट आजसू को देने के बाद रविंद्र पांडेय ने बगावती तेवर दिखाए जरूर लेकिन अब वे शांत हो चुके हैं। यही हाल कोडरमा का है। यहां सीटिंग एमपी रविंद्र कुमार राय को टिकट नहीं मिला लेकिन वे खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं। रांची संसदीय सीट पर थोड़ी परेशानी रामटहल चौधरी के रूख को लेकर हैं। इससे भगवा कैंप थोड़ा परेशान जरूर है। रामटहल चौधरी निर्दलीय चुनाव लडना चाहते हैं। हालांकि भाजपा के रणनीतिकार उन्हें मनाने में लगे हुए हैं। विपक्षी महागठबंधन में वामदलों को शामिल नहीं करने को लेकर भी द्वंद है। इसके कारण कोडरमा सीट पर जहां भाकपा माले ने प्रत्याशी खड़ा किया है वहीं भाकपा ने हजारीबाग से। इसके अलावा माकपा ने पांच सीटों पर और मासस ने एक सीट पर प्रत्याशी देने की घोषणा की है।