मुंगेली। जिला प्रशासन एक ओर नए-नए प्रयोग कर मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने में लगा है, तो वहीं दूसरी ओर जिले के एक गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है। ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर है कि उन्होंने गांव के अंदर और मुख्य द्वार पर बाकायदा पोस्टर लगा दिया है। बात हो रही है मुंगेली जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुंगेली विकासखंड के ग्राम पंचायत मानपुर के आश्रित ग्राम बोड़तरा की। गांव के मुख्य द्वार में ही बैनर लगा है, जिसमें लिखा है कि मतदान का बहिष्कार। इसके नीचे में लिखा है रोड नहीं तो वोट नहीं। गांव के अंदर प्रवेश करने पर कई स्थानों पर इस तरह के चुनाव बहिष्कार का बैनर नजर आता है। दिलचस्प बात यह थी कि इनमें से एक में लिखा था कि सार्वजनिक चुनाव बहिष्कार, ग्राम बोड़तरा, पंचायत मानपुर, मुंगेली, छत्तीसगढ़। गांव के मूलभूत सुविधा की कमी एवं पक्की रोड निर्माण न होने के कारण एवं पूर्व में दिए गए आवेदनों की अनदेखी होने पर हम समस्त ग्रामवासी चुनाव का बहिष्कार का निर्णय लेते हैं। हमारे ग्राम की निर्माण एवं विकास में तत्कालीन कदम उठाए जाने पर गांव के सार्वजनिक निर्णय वापस हो सकता है। ग्रामीणों का गुस्सा यहीं तक सीमित नहीं है, ग्रामीणों ने इससे एक कदम आगे जाते हुए यहां तक हमारे गांव में चुनाव संबंधित राजनीतिक दल, प्रत्याशी एवं शासकीय अधिकारी व कर्मचारी का प्रवेश वर्जित है। इस पूरे मामले को लेकर जब ग्रामीणों से बातचीत की तो उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि वर्षों से हम लोग गांव तक पहुंचने के लिए पक्के रोड निर्माण की मांग कर रहे हैंं। रोड नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में हमारा गांव पहुंचविहीन हो जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, व्यापार सहित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर मंत्रियों को कई बार इस परेशानी से अवगत कराया गया, लेकिन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। सिर्फ वोट बटोरने के समय ही नेताओ के कदम इस गांव में पड़ते हैं। चुनाव खत्म होते ही दोबारा मुड़कर भी यहां झांकने की कोशिश नहीं की। ग्रामीणों ने इस संबंध में अपनी नाराजगी को गांव में जगह-जगह चुनाव बहिष्कार संबंधी भी बैनर लगाकर जाहिर करने के साथ चुनाव बहिष्कार को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन तक सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि जब तक गांव में रोड का निर्माण नहीं होगा, तब तक वे लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। यानि रोड नहीं तो वोट नहीं! अब जबकि लोकसभा चुनाव कुछ ही दिन शेष है, ऐसे में प्रशासन यहां के नाराज ग्रामीणों को किस तरीके से समझाइश देती है यह देखने वाली बात होगी।