राज्य में किसी भी नगर निगम क्षेत्र में खुले में शौच करते पकड़े जाने पर 50 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा, जबकि खुले में लघुशंका करने वाले पर 20 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर पालिका व पंचायतों के लिए भी जुर्माना की राशि तय कर दी गई है। यही नहीं गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग नहीं रखने पर सौ रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। इतना ही नहीं, यदि नगर निगम, संस्था, निजी एजेंसी या ठेकेदार कचरा जलाते, फेंकते या गड़ाते हैं तो सर्वाधिक 25000 रुपए जुर्मानावसूल किया जाएगा। दोबारा ऐसी गलती करने पर 50 हजार जुर्माना लगाया जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम के अंतर्गत कुछ नए कानून बनाए हैं। इसके अंतर्गत नगरीय निकायों की सीमा में कचरा फैलाने या नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना किया जाएगा।
नए नियमों का राजपत्र में प्रकाशन होने के साथ ही सभी नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों को नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि नगरीय निकायों द्वारा शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए तमाम तरह की कोशिशें की जा रही हैं। इसके बाद भी कुछ लोगों या संस्थाओं द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कई बार निगम या निकायों के अधीन काम कर रही एजेंसी और ठेकेदार भी गलती करते हैं। यही वजह है कि अब कानून पारित किया गया है। होटल और रेस्टोरेंट द्वारा गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग नहीं करने पर 2000 रु. जुर्माना देना होगा। दूसरी बार में 3000 रुपए जुर्माना लगेगा। इसके अलावा 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले अपार्टमेंट या कॉलोनी वालों पर 20 हजार रु. जुर्माने का प्रावधान किया गया है।