राहुल ने दस गांव के किसानों की अधिग्रहीत भूमि वापस कर दिया मालिकाना हक

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रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकास खंड के ग्राम धुरागांव में आयोजित विशाल आदिवासी कृषक अधिकार सम्मेलन में टाटा संयंत्र के लिए अधिग्रहित दस गांवों के किसानों 1707 किसानों को 1784 हेक्टेयर जमीन का दस्तावेज सौंपकर मालिकाना हक वापस दिलाया। श्री गांधी ने इस अवसर पर कहा कि किसानों के हक में राज्य सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला है। देश में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जिसने अधिग्रहित जमीन किसानों को वापस करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वे पिछली बार बस्तर प्रवास के दौरान किसानों को अधिग्रहित जमीन वापस दिलाने का वादा किया था और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी सरकार ने एक सप्ताह के भीतर किसानों को जमीन वापस करने का निर्णय लिया। आज किसानों को उनके जमीन का दस्तावेज सौंपकर अपने वादे को पूरा कर दिया। श्री गांधी ने कहा कि हमने भू अधिग्रहण कानून बनाया था, जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख है कि यदि अधिग्रहित जमीन पर पांच साल के भीतर उद्योग स्थापना का काम नहीं होता है, तो वह जमीन किसानों को वापस कर दी जाएगी। इस कानून का पालन देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में हुआ है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, चित्रकोट विधायक दीपक बैज ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा डॉ. चरणदास मंहत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सांसद राज्यसभा श्रीमती छाया वर्मा, विधायक रेखचंद जैन, लखेश्वर बघेल, मोहन मरकाम, संतराम नेताम, विक्रम मण्डावी, चंदन कश्यप, अनूप नाग, डॉ. अरूण उरांव और डॉ. चन्दन यादव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि तथा मुख्य सचिव सुनील कुजूर सहित राज्य शासन और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। सम्मेलन के अंत में धुरागांव के सरपंच पतीलाल कश्यप ने आभार व्यक्त किया।