इंदौर। दुनिया क्या कहेगी इस चिंता को छोड़कर प्रेम दिवस यानी वेलेंटाइन डे के दिन ट्रांसजेंडर और युवक ने शादी रचाई। इस अनोखे जोड़े के प्यार की शुरूआत पातालपानी में हुई थी और गुरुवार को ढोल-ढमाके के बीच हिंदू रीति-रिवाज से मां बिजासन मंदिर परिसर में सात फेरे लिए। विरोध के डर से यह जोड़ा अपनी पहचान गोपनीय रखना चाहता था, लेकिन शादी के बाद खुलकर अपने मन की बात की और पहचान जाहिर की। किन्नर दुल्हन का वास्तविक नाम जयासिंह परमार है जबकि दूल्हा जुनैद खान है। अब तक अपने प्रेम की कहानी छुपाने वाले ट्रांसजेंडर और युवक ने बताया कि वो दोनों एक-दूजे को करीब एक साल से जानते हैं। उनके बीच प्यार की शुरूआत पातालपानी में हुई थी। जया ने बताया कि वो अपने साथियों के साथ घूमने गई थी, वहां जुनैद भी थे। दोनों में मुलाकात हुई और परिचय आगे बढ़ चला। दोनों के बीच घंटों बातें होने लगी और सामान्य पहचान प्यार में बदल गई। कुछ महीने पहले जुनैद ने मुझसे प्यार का इजहार किया और मैंने भी हां कर दी। इसके बाद शादी को लेकर कुछ अटकलें थी, लेकिन एनजीओ में काम करने के दौरान जब अन्य कर्मचारियों से इस बारे में बात हुई तो उन्होंने प्रोत्साहित किया और शादी का निर्णय ले लिया। युवक ने बताया कि मैं राऊ का रहने वाला हूं और जया को जीवनसाथी के रूप में पाकर बेहद खुश हूं। मैं निजी कंपनी में मार्केटिंग का काम करता हूं। मैंने इस बात की चिंता नहीं की कि मेरा परिवार इस शादी के लिए राजी होगा या नहीं। अगर वे हमें स्वीकार नहीं करते तो हम उनसे अलग अपना घर बसाएंगे। जया ने बताया कि शादी से पहले भी वह काम करती थीं और बाद में भी काम करना चाहती है। दोनों एक बेटी को गोद लेना चाहते हैं। बेटी को अच्छी शिक्षा देंगे और उसके सपनों को खुद का सपना बनाकर पूरा करेंगे। मानवाधिकारों और एलजीबीटी के लिए काम करने वाली बदलाव समिति के मीडिया मैनेजर रोहित गुप्ता ने बताया कि शादी के लिए पहले जिन पंडित से बात की थी, वो नहीं आ सके फिर दूसरे पंडित को लेकर शादी की तैयारियां कीं। जया को बेटी मानने वाले गुप्ता परिवार के रमेशचंद्र और उनकी पत्नी मायादेवी ने कन्यादान किया। अब जया और जुनैद की शादी हो चुकी है और दोनों अपनी गृहस्थी बसाना चाहते हैं। इनके साथ रहने में अगर कोई कानूनी अड़चन आती है तो समिति इस काम में भी मदद करेगी।