गरियाबंद- वन विभाग द्वारा कार्य में केवल लीपापोती गुडवक्ता हीन अपने कार्यों से भटके हुए हैं जंगल आज वीरान होता जा रहा है। अधिकारी फलपुल रहे हैं । निर्माण कार्य से फुर्सत नहीं फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों अपने विट में नही होते हैं। पहले जहाँ जंगल होती थी अब विरान पड़ी हुई है। केवल कागजों में काम किया जाता है । वनविभाग अपने कार्य को ईमानदारी से नही करने के कारण आज जानवर गांव में आ जाते हैं कई जानवर को मार दिया जाता है। किसकी गलती है। विभाग द्वारा जंगल बचाओ अभियान की प्रशिक्षण दिया जाता है। किन्तु वह निर्माण कार्य अपनी योग्यता से विपरीत कार्य में लगे रहते है इसी वजह से निर्माण कार्य की गुडवक्ता हीन से कार्य होती है।
इंजियर मान कर अपनी मनमानी कर रहे वन विभाग परन्तु आम जनता को उसकी खमियाजा भुगतना पड़ता है। । यह सब जिला मुख्यालय के समीप ही स्थिति का जो हाल है। केशोडार नाला में पुल का नाम देकर रपटा बना कर रख दिया गया है 6.33 में पूरी नही हुई अब रपटा में फिर से दोन डाल कर लीपापोती कर अपनी नाकाम कार्य को ढका जा रहा है केशोडार रपटा अब भगवान भरेसे चल रहा है । जिला पंचायत की सामान्य सभा में भी उठाया गया है कहा गया नाला रपटा बिना छड़ के बना है गुडवक्ता हीन हैं इसलिए विभाग से उसूली की जाये ।