गरियाबंद जिला के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वनों को सुरक्षित रखने के लिए लाखों करोड़ों रुपया सरकार द्वारा अभ्यारण में खर्जा कर रही है वन व वन्यजीव जंतुओं कि सुरक्षा कि जा रही है फिर भी उसका उपयोग ठीक से नहीं हो पा रहा है क्योंकि उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में सुरक्षा कर्मी नदारद रहते हैं तो वनों को कैसे सुरक्षित समझा जाएगा ऐसा ही मामला इंदागांव व तालाकोट के बीच में उदंती सीतानादी टाईगर रिजर्व के तहत जांच नाका बनाया गया है एवं वन कर्मी को रहने का सुविधा बनाया गया है और सुरक्षाकर्मी का 24 घंटे तैनात रखा जाता है और 24 घंटा ड्यूटी देना है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है क्योंकि जिस स्थान पर सुरक्षाकर्मी रहता है वहीं पर आवास पर ताला जड़ दिया गया है और जांच नाका 24 घंटे खुला है ऐसे में स्वाभाविक तौर पर वनों का सुरक्षित रहना नहीं कहा जा सकता ना तो वन विभाग द्वारा इसकी सही से देखभाल किया जा रहा है नहीं अच्छे ढंग से वनों को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता वन विभाग की अधिकारियों की यह बड़ी अनदेखी कहा जा सकता है जो इस तरह से उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के जांच नाका को 24 घंटा खुला छोड़ दिया गया है इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उड़ीसा के लकड़ी तस्कर छत्तीसगढ़ के वनों से लकड़ी की तस्करी किया जा रहा होगा
क्योंकि सुरक्षाकर्मी ही नहीं है तो कहां तक वनों का सुरक्षा कहा जा सकता है और छत्तीसगढ़ में इस समय धान खरीदी का जोर शोर से सरकार द्वारा किया जा रहा है और गरियाबंद जिले के प्रत्येक उड़ीसा के रास्तों पर 24 घंटा सुरक्षाकर्मी तैनात किया गया है लेकिन इस जांच नाका पर ना तो वन विभाग का कोई कर्मचारी है ना कोई और इससे साफ पता चलता है की कहीं ना कहीं वन विभाग की अनदेखी है जो केबल नाम से ड्यूटी देते हैं प्रतिमाह वेतन दिया जाता है छत्तीसगढ़ सरकार को क्षति एवं लकड़ी एवं जानवरों की छाल सिंग एवं कीमती चीजों का और धान तस्करों को हौसले बुलंद होते जा रहे हैं क्योंकि जिला प्रशासन प्रत्येक उड़ीसा बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मी तैनात किया गया है ताकि किसी प्रकार की तस्करी को रोका जाए अब देखना यह होगा कि इस खबर के प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा क्या किया जाएगा तालाकोट के ग्रामीणों द्वारा पूछने पर बताया गया कि इस जांच नाका पर पिछले 1 वर्ष से कोई भी सुरक्षाकर्मी 24 घंटा ड्यूटी नहीं दे रहा है बहरहाल वनों की क्षति हो रही है लेकिन वन विभाग कि अधिकारियों अनदेखी कहे या कुछ और ??????