गरियाबंद :- महंगाई भत्ता की आस लगाए कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ सरकार केबिनेट बैठक से पुनः निराशा हाथ लगी है।विदित हो विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा छग सरकार से केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ते की मांग को लेकर कई ज्ञापन तथा प्रदर्शनो का दौर जारी है किन्तु लगातार वर्तमान सरकार के कर्मचारी हितों की अनदेखी से घोर निराशा एवं आक्रोश पनप रहा है। केबिनेट बैठक में डी ए की कोई चर्चा नहीं किए जाने पर कर्मचारी संगठनों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चर्चा के दौरान छग विद्यालयीन शिक्षक कर्मचारी संघ जिला गरियाबंद के अध्यक्ष मंगलमूर्ति
ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारियों को महंगाई भत्ते से वंचित करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है इससे मनोबल गिरता है और कार्य निष्पादन क्षमता प्रभावित होता है मगर सरकार को सोचने की फुर्सत नहीं।कोरोना काल में कर्मचारियों ने जनहित में अपने वेतन से करोड़ों रूपए सरकारी खजाने में जमा किए और जोखिम उठाकर फ्रंटलाइन वारियर्स के रुप में अपने कर्तव्यो का निर्वहन किया इसके बाद भी उन्हें संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी के नेतृत्व में संगठन की ओर से कन्हैयालाल,गौकरण बंजारे, टेप कुमार,उत्तम पटेल,छगन लाल, बंशीलाल, बेदराम, चिरंजीव साहू, रेणुका देवांगन, प्रीति,लीलावती, धनेश्वरी ने केन्द्रीय कर्मचारियों के समान डी ए की शीघ्र घोषणा न होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।