कुरुसकेरा रेत घाट में नियमो को ताक पर रख माउंटेन चैन मशीन से दिन रात चीरा जा रहा है ,,, नदी का सीना खनिज विभाग बना मुखदर्शी

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गरियाबंद : जिले के कुरुकेरा रेख घाट पर ,,, अनुबंध सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ठेकेदार द्वारा का चैन माउंटेन मशीन से नदियों का सीना छलनी कर रात दिन रेत खनन किया जा रहा है और आश्चर्य की बात तो ये है कि ठेकेदार इस कृत का जानकारी स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों के माध्यम से होने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है
यह रेट घाट शुरू से ही विवादों में रहा है समय-समय पर ग्रामीणों ने इसका विरोध किया प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती किया गया ,,, रेत घाट की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है


कि किस तरह से एनजीटी नियमों का उल्लंघन करते हुए ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से अनगीनत ट्रिप रेती को निकाला गया है
इतना ही नही धड़ल्ले से बेखौफ बिना फिटपास काटे नगद पैसा ले कर दिन भर में कई ट्रिप रेती बेच दिया जा रहा है ,,, जिससे शासन को सीधा राजस्व की क्षति हो रही है एनजीटी के नियमो की अनदेखी की जा रही है।इस रेत घाट पर नियम केअनुरूप पैधे रोपण नहीं किया गया है बल्की रेत निकालने के लिए कई पेड़ की बलि चढ़ा दी गईजिसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है /अवैध भंडारण का खेल हुआ सुरुइस माह के 15 तारीख से रेत खदान को बंद कर दिया जाएगा बारिश के अवसर में रेत खदान बंद होने से रेत की डिमांड बढ़ जाती हैउस वक्त रेत माफिया मुह मांगे दामों पे रेत बेचा देते है जिसके लिए अभी से ठेकेदार द्वारा निर्धारित भंडारण से अधिक मात्रा में गांव के पास के मेन रोड के सामने रेत भंडारण का कार्य शुरू कर दिया गया है कुरुसकेरा घाट के इस अवैध गतिविधि पर विभागीय अधिकारी मामले की जानकारी नहीं होना बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं
आखिर क्यों दी जाती है ठेकेदारों को इतनी छूट
पिछले साल से एनजीटी नियमों का उल्लंघन,, बिना फिटपास के रेती बेचने से राजस्व का नुकसान ,,, ग्रामीणों की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं,,,
अवैध भंडारण पर मॉर्निंग नही ,,वैध खनन की आड़ में स्वीकृत गहराइयों से ज्यादा खनन होना ,,, ऐसी स्थिति में जिम्मेदार अधिकारीओ के कार्यप्रणाली और खनिज विभाग भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है इन नियमों के पालन के अनुबंध पर ही दिया जाता है रेत खदान
भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नोटिफिकेशन एवं इसमे किए गए संशोधनों के अनुसार रेत खदानों में खदान संचालन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनापत्ति में यह शर्त होती है कि, रेत का खनन मानव श्रम से किया जाए जिसमे मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। रेत उत्खनन में ठेकेदार राष्ट्रीय हरित न्यायालय एनजीटी के आदेश की बेखौफ धज्जिायां उड़ा रहा ऑफ नियमनुसार शाम 6 बजे के बाद रेत खनन व परिवहन पूर्ण रूप से बंद होना चाहिए।
प्रदेश की सरकार नई व्यवस्था से नदियों एवं जल स्रोतों के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संरक्षण के साथ ही उपभोक्ताओं को सुगमता से उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराना चाहती है पर उदासीन खनिज विभाग व ठेकेदार की मनमानी से पर्यावरणीय व राजस्व का नुकसान हो रहा और रेत की कीमतें आसमान भी छू रही है।इस मामले में क्या कहते है अधिकारीआपके माध्यम से कुरुकेरा रेत घाट पर मशीन से खनन मामले की जानकारी प्राप्त हुआ है मैं आज ही जाकर देख लेता हूं नियम विरोध हो रहा होगा तो कार्यवाही जरूर किया जाएगा