गरियाबंद में कोरोना पेसेंट के साथ बहुत ही दुख दाई है एक तो मरीज दूसरी ओर रोजाना बासी खाना परोसा जा रहा है । जबकि मरीजो को अच्छा भोजन और उनके स्वास्थ्य के लिए सोना अनिवार्य है। लेकिन यहां पर बेचारे पेशेंट को हर हमेशा बासी भोजन एवं खराब दिया जाता है ।
बासी खाना खाने से मरीजों को कभी भी दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ सकता है वह पर देखने वाला कोई नही है कलेक्टर द्वारा जाँच टीम गठित किया गया है मगर क्या हो रहा है ठेकेदार को बचाने का प्रयास हर बार क्यों कर रही है । ठेकेदार की मनमानी हर हमेशा कोविड मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ठेकेदारों को प्रत्येक नग थाली में अच्छी कीमत दिया जाता है । जिसमे मरीजो को सेहद मन्द भोजन मिले। खाने की क्वालिटी एकदम खराब होने के कारण खाना खाने लायक नहीं है इससे मरीजो की हालत ठीक होना तो दूर है खराब खाने के कारण तबियत बिगड़ने की सम्भावना ज्यादा है । जिसके बावजूद उनकी हालत दिन पर दिन सुधाना कम विगड़ने की सम्भावना ज्यादा है खरब भोजन से समझ में नहीं आता कि प्रशासन ठेकेदारों के ऊपर इतनी मेहरबानी क्यों है