गरियाबंद के कवि एवं साहित्यकार लिख रहा है फिल्म , विभिन्न पुरस्कार से नवाजा गया । आदित्य गुप्ता को

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इनकी लिखी गज़लें दिलों को छू जाती हैं
गरियाबंद के कवि एवं साहित्यकार आदित्य गुप्ता विगत पैंतीस वर्षों से हिंदी साहित्य की सेवा करते आ रहे हैं।उन्होंने आंचलिक समाचार पत्रों से लेकर आकाशवाणी रायपुर से अपना काव्य पाठ कर साहित्य अनुरागियों के दिल में अपनी उत्कृष्ट जगह बनाई है।वे आंचलिक कवि गोष्ठियों में अपनी महती उपस्थिति दर्ज की है।हिंदी कविताओं के अलावा वे ग़ज़ल में भी महारत रखते हैं उनकी व्यक्तिगत काव्य संकलन “अमन के फूल”प्रकाशित हो चुकी है इसकेअलावा कई राष्ट्रीय साहित्य संस्थाओं द्वारा प्रकाशित साझा काव्य संकलनों में उनकी रचनाओं एवं गज़लों को स्थान दिया गया है।वे अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के ज्वलंत मुद्दों एवं सामाजिक विसंगतियों पर अपनी लेखनी चलाई है और पाठकों को प्रभावित करते रहे हैं।गरियाबंद अंचल ने वेआदिवासियों, गरीबों, शोषितों एवं महिलाओं की अस्मिता की आवाज बन कर काव्य रचनाओं में मुखर होते रहे हैं।


विगत दिनों विभिन्न राष्ट्रीय ऑनलाइन कविसम्मेलनों में उनकी उल्लेखनीय भागीदारी रही ,जिसके लिए उन्हें विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया जिसमें शाश्वत शब्द शिल्पी सम्मान,साहित्य सागर शिरोमणि सम्मान 2000, पुनीत अनुपम साहित्य सम्मान,राष्ट्रीय नव साहित्य कुम्भ उत्तरप्रदेश द्वारा साहित्य सेवा सम्मान आदि प्रमुख हैं।