गरियाबंद । जिला मुख्यालय गरियाबंद मंडी प्रांगण में 2 माह पूर्व सरकारी तंत्र को धोखा देकर
धान खरीदी केंद्र में मिलर्स द्वारा सील मुहर लगी धान से भरी बोरियों को खपाने के मामले में ट्रक जप्त हुई थी, जो मंडी प्रांगण से शनिवार से गायब मिली है। हमारे संवाददाता ने खोज खबर ली तो पता चला कि जिला प्रशासन ने जप्त की गई ट्रक को छोड़ दिया है।जबकि जिला प्रशासन के नाक के नीचे यह खेल हो गया दीगर किसानों में धान क्रय किये जाने के प्रावधानों का छलपूर्वक लाभ लेने की नियत से धान क्रय कर बेच रहा था। जिससे शासन को आर्थिक क्षति इनके द्वारा पहुचाया जाना को लेकर एफ़ आई आर तक हो गई ।
सेठ साहूकारों को दी जा रही विशेष छूट ।
इससे 22 जनवरी को जिला मुख्यालय के आदिमजाति सेवा सहकारी तथाकथित किसान और राइस मिलर ने अपनी ट्रक में दूसरे उपार्जन केंद्र का खरीदी किया हुआ धान गरियाबन्द केंद्र में खपाने का मामला प्रकाश में आया था। नगर के आदिमजाति सेवा सहकारी समिति में एक
परिवार के तीन लोगों के नाम से टोकन कटा था । जिनकी भूमि नगर से लगे आमदी
मे लगभग 12 एकड बताई गई । एक ट्रक में 475 कट्टा धान सरकारी लाल सील मुहर
लगी बोरी में बकायदा दुसरे उपार्जन केंद्र की मुहर के साथ पतले के श्रेणी
में आने वाला धान नायब तहसीलदार कुसुम प्रधान द्वारा 11 बजे के लगभग
मुखबीर की सूचना पर उपार्जन केंद्र पहुंच कर पुछताछ की गई तो पता चला
धान के प्रत्येक बोरी में 40 किलो 500 ग्राम के लगभग भरा है । मजदूरो
द्वारा कई बोरियो का माप किया गया जिसमें प्रत्येक बोरी में माप लगभग
समान ही पाया गया । शंका होने पर अधिकारी ने धान का विवरण चाहा गया तो
किसान द्वारा 12 एकड़ सिंचित भूमि होने की बात कही गई । नायब तहसीलदार ने
मौके पर पहुंचकर खेत किसानों का बयान लेकर मौका स्थल पर मुआयना किया दोनों रेग में दिए गए किसानों से वस्तु का सत्य मूल्यांकन कर रिपोर्ट पेश की थी इस संबंध में रेंग में लिए किसान से बात कि तो पता चला एक
किसान 8 और दूसरा किसान 3 एकड़ में धान की बुआई करता है । तीन एकड़ वाले
किसान ने बताया कि वह 200 कट्टे के लगभग धान राईस मिल के मालिक व अपने
खेत के मालिक को एक सप्ताह पहले दिया है । वही 8 एकड़ में धान बोने वाले
किसान के पास उसका धान घर पर ही पड़ा है । ऐसी स्थिति में किसका धान भर कर ट्रक आया यह विचारणीय है वही बोरियो में सील मुहर भी गंभीर जांच का विषय है। वही इस तरह बिना किसी को बताए पंचनामा किए गए अधिकारी को भी इसकी जानकारी नहीं होने के कारण अधिकारि के हतोत्साहित है जिसके कारण जिले में आगे धान चोरी कर उपार्जन केंद्र में खपाने वालों की तादाद बढ़ेगी और वही रसूख दिखाकर निकल लेंगे इस मामले को लेकर कुछ संगठनों ने भूपेश बघेल को शिकायत करने की बात कही है।
इस मामले को लेकर जिला खाद्य अधिकारी हुलास ड़डसेना से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि मामला कलेक्ट्रेट न्यायालय में प्रकरण चल रहा था डिसीजन आने के बाद छोड़ दिया गया होगा। कब छोड़ा है इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
वही इस मामले में नायाब तहसीलदार कुसुम प्रधान ने कहा कि इस मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं है और ना ही मुझे प्रकरण से संबंधित कोई प्रतिलिपि मिला है।