कमलनाथ ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सेवानिवृत्त अफसरों की पोस्टिंग पर चुटकी ली

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भोपाल। कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को लगभग हर मुद्दे पर मंत्रियों ने अपनी बेबाक राय रखी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इसमें हिस्सा लिया और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) में सेवानिवृत्त अफसरों की पोस्टिंग पर चुटकी ली। उन्होंने विभागीय मंत्री सुरेंद्र बघेल की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि किसने किया, तुमने किया होगा। मंत्री ने इंंकार करते हुए कहा कि आपके यहां से आया था तो कमलनाथ ने कहा कि मेरे यहां से क्यों, आपका काम होगा। उन्होंने मंत्रियों पर तंज कसते हुए कहा कि मेरे पास ट्रांसफर-पोस्टिंग के अलावा नोटशीट आती नहीं हैं। स्कूल यूनीफार्म की जगह नकद राशि देने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि स्व-सहायता समूह बहुत अच्छा काम नहीं कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल को निर्देश दिए कि समूहों के संभागीय सम्मेलन बुलाए जाएं। ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उनका तंज इसलिए भी था क्योंकि कुछ मंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर यह बात उन तक पहुंचाई थी कि तबादला अवधि में कुछ वृद्धि कर दी जाए। हालांकि, वे इसके पक्ष में बिलकुल भी नहीं हैं। इसी तरह जब मोटरयान कराधान अधिनियम में संशोधन करके टैक्स बढ़ाए जाने का मुद्दा आया तो लगभग हर मंत्री ने इसके बारे में पूछताछ की। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने पूछा कि लाइफ टैक्स को लेकर स्थिति साफ होनी चाहिए। प्रमुख सचिव परिवहन मलय श्रीवास्तव ने बताया कि 12 टन भार क्षमता से अधिक पर लगाया है। लग्जरी वाहनों के लिए अलग से प्रावधान रखा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख रुपए तक के वाहन वाले क्या गरीब होते हैं। एएनएम की भर्ती के मुद्दे पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि संविदा वालों को प्राथमिकता देना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रावास बनाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि छात्रावासों की स्थिति बहुत खराब है। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मेरे प्रभार वाले डिंडौरी जिले में भी यही हाल है। सुरेंद्र सिंह बघेल ने बिजली के तार खुले होने की बात रखी तो गृह मंत्री बाला बच्चन ने शिक्षक नहीं होने की बात उठाई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ ने छात्रावास खाली रहने के दौरान अनुसूचित वर्ग के छात्रों को स्थान देने की बात रखी। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की बात सुनने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी छात्रावासों की स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करें और जो काम करने हैं, उनका प्रस्ताव बनाकर रखें। स्कूल यूनीफार्म देने की जगह राशि सीधे खाते में जमा करने के प्रस्ताव पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों से सिलवाकर यूनीफार्म देने की व्यवस्था बनाई है। इसे इस साल भी कर सकते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि स्व-सहायता समूह अच्छा काम नहीं कर रहे हैं।