युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

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मुंबई। युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। युवी ने जब संन्यास की घोषणा की तब उनके साथ उनकी मां शबनम और पत्नी हेजल कीच भी मौजूद थी। इसी दौरान हेजल ने युवराज को लेकर एक खुलासा किया। हेजल ने बताया कि 2016 में जब युवराज की टीम इंडिया में वापसी हुई तो वे रो पड़े थे। दरअसल युवराज अपने जुझारु खेल के लिए ही पहचाने जाते रहे हैं। उन्होंने टीम के लिए कई मैच विनिंग पारियां खेली और टीम को हार की दहलीज से निकालकर जीत तक पहुंचाया। हेजल ने जिस कमबैक का जिक्र किया वो आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ 2016 की बात है। उस समय युवराज ने आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की टी-20 सीरीज के लिए टीम इंंडिया में चुना गया था, उससे पहले वे टीम से बाहर थे। अपनी इस वापसी पर युवराज रो दिए थे। मुझे लगता है कि राष्ट्रीय टीम में सिलेक्शन पर कैसा महसूस होता है यह सिर्फ एक खिलाड़ी ही समझ सकता है। हेजल ने भी बताया कि इससे पहले 2014 में भी ऐसा वाकया हुआ था जब उन्होंने युवी की आंखों में आंसू देखे थे। हेजल ने कहा -उस समय युवराज की क्रिकेट किट आई थी, उसे देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। मैं ये देखकर हैरान थी क्योंकि उस समय मुझे उनकी भावनाएं समझ नहीं आई थी। लेकिन युवी के क्रिकेट से प्यार को मैंने बाद में जाना। हेजल ने युवी के कैंसर से जंग के बारे में कहा- युवी ने इस गंभीर बीमारी से लड़े और स्वस्थ होकर बाहर निकले। अपने जज्बे के चलते ही उन्होंने अपने फैशन ब्रांड का नाम यूवीकेन रखा और अब वे चैरिटी का काम कर रहे हैं, चैरिटी के लिए भी वे उतना ही समर्पित हैं। वहीं मां शबनम ने कहा- संन्यास लेने का फैसला युवी का अपना था। उनका करियर शानदार रहा और वे उन सभी बड़े टूनार्मेंट का हिस्सा रहे भारत ने जीते। ये उनके लिए बड़ी उपलब्धि है। पूरे देश को उस पर गर्व है। एक मां के तौर पर मैं अपने बेटे के हर फैसले में उसके साथ खड़ी थी और हमेशा रहूंगी। मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है। बता दें कि युवराज सिंह ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 एकदिवसीय और 58 टी-20 मैच खेले। वे विश्व विजेता रही भारत की अंडर 19 क्रिकेट के सदस्य भी रहे। उसके बाद युवराज ने 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टी-20 विश्व विजेता और फिर 2011 में वनडे क्रिकेट की वर्ल्ड चैंपियन टीम के सदस्य रहे। 2011 के वर्ल्ड कप में युवराज मैन आॅफ द टूनार्मेंट रहे थे।