नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात कहने वाली मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र के वित्त मंत्रालय ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग के दर्जनभर वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टी कर दी है। खबरों के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर और कमिश्नर रैंक के इन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। केंद्र ने यह कठोर कदम उठाते हुए नौकरशाही को भी स्पष्ट संकेत दे दिया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय लोक सेवा नियमावली, 1972 के मौलिक नियम 56 के तहत इन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इनके पास आय के ज्ञात स्रोतों से काफी अधिक संपत्ति पाई गई थी। आयकर विभाग ने इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की थी जिसे इन्होंने अदालत में चुनौती दी थी। यही वजह है कि सरकार ने इनके खिलाफ अब कठोर कदम उठाया है। ये आरोप लगे है इन पर- 1989 बैच के एक अधिकारी का नाम भी इस सूची में है जिस पर दो महिला अधिकारियों के यौन शोषण का आरोप है। 1985 बैच के एक अन्य आईआरएस अधिकारी का नाम भी इसमें शामिल है जिन्होंने तीन करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति अपने नाम पर बना ली है। एक अन्य अधिकारी का नाम भी इस सूची में शामिल है जिन्हें घूस लेते हुए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। एक अधिकारी ऐसा भी है जिसे उसके नकारापन के चलते सेवानिवृत्त किया गया है। एक अधिकारी ऐसा भी है जो आयकर अधिकारी के रूप में असेसमेंट आॅर्डर गलत जारी किए थे। इसलिए उन्हें जबरन रिटायर किया गया है। एक अधिकारी और उसकी पत्नी ने उनके आय से अधिक ज्ञात स्रोतों से 133 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति अर्जित की थी। एक अन्य अधिकारी को सीबीआई ने 50 लाख रुपए कैश के साथ पकड़ा था।