केजरीवाल सरकार की पार्किंग नीति और आॅटो किराए लागू करने में देरी की संभावना, एलजी और सरकार आए आमने-सामने

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केजरीवाल सरकार की नई पार्किंग नीति और संशोधित आॅटो किराए को लागू करने में देरी होने की संभावना है। इन दोनों मामलों से संबंधित फाइलें अब उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास लंबित हैं और सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है। दिल्ली सरकार पार्किंग नीति और संशोधित आॅटो किराए को अधिसूचित करना चाहती थी लेकिन ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन मामलों में उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी है। सरकार ने शहरों में चलने वाले करीब 90,000 आॅटो के लिए मौजूदा आठ रुपये प्रति किलोमीटर की दर में डेढ़ रुपये के इजाफे की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। सरकार ने प्रति किलोमीटर साढ़े नौ रुपये की मंजूरी दी है। इसके अलावा पहले दो किलोमीटर के लिए मौजूदा 25 रुपये के प्रारंभिक किराये को भी 1.5 किलोमीटर के लिए 25 रुपये करने को मंजूरी दी थी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने लोकसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता खत्म होने के बाद आॅटो किराए के संशोधन के लिए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था। लेकिन अधिकारियों ने मंजूरी के लिए संबंधित फाइल उपराज्यपाल के पास भेज दी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधान सचिव यातायात ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि पार्किंग नीति और संशोधित आॅटो किराए मामले में विभाग के अधिकारियों और सरकार के बीच मतभेद हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधान सचिव ने ट्रांजेञ्चशन आॅफ बिजनेस रूल के नियम 57 के तहत इन दोनों मामलों को एलजी आॅफिस को भेज दिया है। रूल 57 के मुताबिक किसी मुद्दे पर मतभेद होने के बाद मामले को उपराज्यपाल, सीएम और संबंधित विभाग के मंत्री के पास भेजा जाता है। प्रधान सचिव ने सीएम केजरीवाल और परिवहन मंत्री को भी इस मामले में चिट्ठी भेजी है। वहीं, परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग और कानून विभाग के विचारों को मानने से इनकार कर दिया है कि उपराज्यपाल पार्किंग नीति और संशोधित आॅटो किराए को अधिसूचित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं।