मेट्रो और डीटीसी बसों में मुफ्त में सफर कराने की योजना को महिलाओं ने हाथो-हाथ लिया है। पार्टी का दावा है कि इस योजना को 94 फीसदी महिलाओं ने सराहा है। पार्टी का कहना है कि मंगलवार को योजना पर फीडबैक लेने के लिए दिल्ली मेट्रो, डीटीसी व क्लस्टर बसों में महिलाओं के बीच रायशुमारी में यह आंकड़ा मिला है। पार्टी के मुताबिक, सर्वे में शामिल महिलाओं ने सुरक्षा के नजरिये से योजना को बेहतर बताया। करीब 48 फीसदी महिलाओं का कहना था कि उन्हें रोज मेट्रो इस्तेमाल करनी पड़ती है। 15 फीसदी महिलाओं ने बताया कि हर महीने उनका यात्रा पर 500 से 1000 रुपये तक का खर्च आता है। 25 फीसदी महिलाओं का खर्च 1000-2000 रुपये तक है। दूसरी तरफ, 22 फीसदी का मानना है कि उनको मेट्रो किराए के मद में 2000-3000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मेट्रो किराये पर 100-500 रुपये प्रतिमाह खर्च करने वाली महिलाओं का आंकड़ा 38 फीसदी है। सर्वे में शामिल 94 फीसदी महिलाओं ने दिल्ली सरकार के फैसले को बेहतर व दो फीसदी ने खराब बताया। 4 फीसदी महिलाओं को योजना के बारे में पता ही नहीं था। दिलचस्प यह कि सर्वे भी सियासत से मुक्त नहीं रह सका। पार्टी कार्यकतार्ओं ने इस दौरान सवाल किया था कि योजना का महिलाओं के वोट देने के फैसले पर कितना असर पड़ेगा। पार्टी का दावा है कि 76 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह इस मुद्दे पर वोट देंगी। आप के सर्वे से मिले आंकड़े- 1. क्या आपको रोज मेट्रो इस्तेमाल करनी पड़ती है। 48 फीसदी- हां। 52 फीसदी- ना। 2. महीने में मेट्रो पर कितना खर्च आ जाता है। 500 से 1000 रुपये-15 फीसदी। 1000 से 2000 रुपये- 25 फीसदी। 2000 से 3000 रुपये- 22 फीसदी। 100 से 500 रुपये- 38 फीसदी। 3. केजरीवाल महिलाओं के लिए मेट्रो को फ्री करने की सोच रहे हैं। क्या यह सही कदम है। सही है- 94 फीसदी। पता नहीं- 4 फीसदी। नहीं- 2 फीसदी। 4. क्या इस कदम की वजह से आप को वोट देने की सोचेंगी या इस कदम का वोट देने के निर्णय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वोट देंगे- 76 फीसदी। सोचेंगे- 7 फीसदी। कोई जवाब नहीं दिया-17 फीसदी।