राजस्थान में कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद राज्य में अंतर्कलह बढ़ती ही जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मुखिया और राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट उनके बेटे की हार की जिम्मेदारी लें। वैभव गहलोत जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। उन्हें भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2.74 लाख वोटों से शिकस्त दी। इसी लोकसभा के अंतर्गत सरदारपुरा विधानसभा सीट आती है जहां से गहलोत विधायक हैं। पायलट ने गहलोत के बयान पर हैरानी जताई है लेकिन कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में जब गहलोत से पूछा गया कि क्या यह सच है कि पायलट ने जोधपुर सीट से वैभव का नाम प्रस्तावित किया था। इसके जवाब में गहलोत ने कहा, यह अच्छी बात है कि अगर उन्होंने ऐसा किया। मीडिया हम दोनों के बीच मतभेद दिखाती है। पायलट साहब ने कहा था कि वह जोधपुर से बहुत बड़े अंतर से जीतेगा क्योंकि हमारे छह विधायकों को इस लोकसभा सीट से जीत हासिल हुई थी। हमारा चुनाव प्रचार भी बढ़िया था। इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें इस सीट की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह पता लगाया जाना चाहिए कि हम यहां क्यों हारे। जब गहलोत से पूछा गया कि क्या उन्हें सच में लगता है कि जोधपुर में मिली हार के लिए पायलट जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा, पायलट ने कहा था कि हम जोधपुर जीतने वाले हैं और उन्होंने वैभव के लिए पार्टी का टिकट लिया। लेकिन हम सभी 25 सीटें हार गए। यदि कोई कहता है कि मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमिटी को जिम्मेदारी लेना चाहिए तो मुझे लगता है कि यह सामूहिक जिम्मेदारी है। गहलोत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिनों पहले ही पायलट के समर्थकों ने कहा था कि मुख्यमंत्री के काम करने के रवैये के कारण हमें राज्य में हार मिली है।