कोलंबो । श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा है कि भारत ने ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल धमाकों का अलर्ट करीब 15 दिन पहले ही दे दिया था, लेकिन हमारे अधिकारियों ने यह जानकारी साझा नहीं की। यही वजह है कि मैंने अपने रक्षा सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को बर्खास्त कर दिया। 21 अप्रैल को श्रीलंका में 8 धमाके हुए थे, इनमें करीब 250 लोगों की जान गई थी। आतंकी संगठन आईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। सिरिसेना ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी तक हमलावरों के भारत से संबंध होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, मई में श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके ने बीबीसी से साक्षात्कार में कहा था कि ईस्टर धमाके से पहले आतंकी ट्रेनिंग और अन्य गतिविधियों के लिए भारत गए थे। वे ट्रेनिंग के लिए कश्मीर, केरल और बेंगलुरु गए थे, उन्हें इसकी जानकारी मिली है। हालांकि, राष्ट्रपति सिरिसेना ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई। सिरिसेना 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमले के समय वे सिंगापुर में थे। 4 अप्रैल को भारत की खुफिया एजेंसियों ने हमले का अलर्ट भेजा था। इस विषय पर रक्षा सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के बीच पत्राचार हुआ था। उन्होंने कहा कि धमाकों की जांच में भारत, ब्रिटेन और अमेरिका ने सहयोग किया। इस दौरान पता चला कि हमलावर अंतरराष्ट्रीय संगठन से जुड़े थे। आतंकियों को उन देशों में प्रशिक्षण दिया गया, जहां अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूह सक्रिय हैं। सिरिसेना ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून में श्रीलंका आएंगे। यह हमारे देश के लोगों के लिए सम्मान की बात है। भारत और श्रीलंका के बीच 2600 साल का संबंध है। पीएम मोदी की यात्रा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम पड़ोसी और मित्र हैं। देश बेसब्री से उनके आने का इंतजार कर रहा है।