श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार अल सुबह एक नया इतिहास रच दिया है। इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश की सीमाओं का निगेहबान आरआइएसएटी 2बी सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है जो कुछ ही घंटों बाद अबने आॅर्बिट में भी पहुंच गया। इसरो के इस लॉन्च के लिए मंगलवार से ही उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी और बुधवार सुबह 5.30 बजे इसरो के भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी सी 46 की मदद से आरआइएसएटी 2बी को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया गया। अपने साथ यह 615 किलो का वजन लेकर गया है और जो सैटेलाइट लॉन्च किया गया है वो अंतरिक्ष में भारत की आंख बनेगा। यह सैटेलाइट खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा। मिशन सफल होने के बाद इसरो के चैयरमेन के सीवान ने कहा कि देश के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण मिशन है। यह बेहतरीन सैटेलाइट है जिसमें हाई फाई अर्थ आॅब्जर्वेशन की क्षमता है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर राडार लगा हुआ है जो धरती की दिन और रात के अलावा खराब मौसम में भी तस्वीरें ले सकता है। इस मिशन की उम्र 5 साल है। इस सैटेलाइट का उपयोग सैन्य सर्विलांस के लिए भी किया जाएगा। बता दें कि भारत द्वारा इसके पहले 2009 में लॉन्च कि एगए रिसेट-2बी का उपयोग सीमापार मौजूद आतंक के अड्डों और पाक सीमा की निगरानी करने के लिए किया गया था। इसरो का यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में रहते हुए मौसम खराब होने के बावजूद दुश्मन की टोह लेता रहेगा। इसकी मदद से ना सिर्फ आपदाओं से नपटने में मदद मिलेगी बल्कि कृषी, वन संपदा के क्षेत्र में भी मदद करेगा। साथ ही रीसैट-2बी सैटेलाइट का इस्तेमाल किसी भी तरह के मौसम में टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों के लिए किया जा सकेगा। अंतरिक्ष में यह सैटेलाइट 2009 में लॉन्च किए गए आरआइएसएटी 2बी की जगह लेगा।