कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल बाकी बची सात सीटे, यहा से लडेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ उपचुनाव

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भले ही बाइस सीटों पर प्रत्याशियों के नाम के एलान कर दिया हो, लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल बाकी बची सात सीटें है। गुना-ग्वालियर से लेकर धार, इंदौर-विदिशा सीट पर कांग्रेस को प्रत्याशी तय करने में पसीना छूट रहा है। जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम के एलान होना बाकी है। इसमें गुना, ग्वालियर, भिंड, विदिशा, इंदौर, राजगढ़ और धार लोकसभा सीट शामिल है। इसमें विदिशा में पार्टी बीजेपी के प्रत्याशी के एलान के इंतजार में है। सुषमा स्वराज के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस है, तो वही धार में आदिवासी संगठन जयस ने रोड़ा लगा दिया है। इंदौर में पार्टी प्रत्याशी तय करने को लेकर पशोपेश में है। तो वहीं गुना-ग्वालियर सीट पर सिंधिया और प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया की दावेंदारी को लेकर पार्टी मंथन कर रही है। पार्टी चाहती है कि सिंधिया को टफ सीट से लड़ाया जाए और यहीं कारण है इंदौर से लेकर गुना-ग्वालियर सीट इसी पेंच में उलझ गई है। कांग्रेस पार्टी की होल्ड सीट गुना, ग्वालियर, भिंड, विदिशा, राजगढ़ में 12 मई और धार, इंदौर में 19 मई को चुनाव होना है। यानि कि आखिरी चरण में होने वाले चुनाव वाली इन सीटों पर प्रत्याशी तय करने को लेकर पार्टी के पास अभी थोड़ा समय बाकी है। लेकिन सवाल ये है कि जब सिंधिया गुना-शिवपुरी से दावेदारी पेश कर चुके हैं और लगातार अपनी सीट पर सक्रिय है। तो एसे में उनके नाम के एलान से पार्टी परहेज क्यों कर रही है। मतलब साफ है कि कांग्रेस सिंधिया को टफ सीट से लड़ाने के अपने प्लान पर आखिरी दौर तक मंथन पूरा कर लेना चाहती है। ताकि कांग्रेस के खाते में सीटों की संख्या को बढा़या जा सके, इसके अलावा सूची में छिंदवाड़ा विधानसभा से उपचुनाव के लिए बंटी साहू के नाम का भी ऐलान किया गया है। यह सीट तब खाली हुई थी जब विधयाक दीपक सक्सेना ने इस्तीफा दिया था। इस सीट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ उपचुनाव लड़ेंगे।