नई दिल्ली। बैंकिंग व्यवस्था के डिजिटल होने का लाभ चार बड़े बैंकों को ही मिल पाया है। देश में डिजिटल बैंकिंग कारोबार के दो तिहाई से अधिक हिस्से पर इन्हीं चार बैंकों का कब्जा है। इन चारों में तीन निजी क्षेत्र के तो एक सरकारी बैंक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के डिजिटल बैंकिंग ट्रांजैक्शन का हिस्सा इनके कुल कारोबार में 75 से 87 फीसद के करीब है। ट्रांजैक्शन की संख्या के लिहाज से देखें तो इन चारों में एकमात्र सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक अव्वल है। लेकिन ट्रांजैक्शन की कीमत के लिहाज से यह तीनों बैंकों से पीछे है। इस मामले में चारो बैंकों में एचडीएफसी बैंक का स्थान पहला है। देश में 2015-18 के बीच हुए वित्तीय ट्रांजैक्शन पर इलारा कैपिटल की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में 25 फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि डेबिट कार्ड का इस्तेमाल इस अवधि में 14.2 फीसद बढ़ा है। लेकिन अगर ट्रांजैक्शन की कीमत के लिहाज से देखें तो क्रेडिट कार्ड के मामले में 37 फीसद और डेबिट कार्ड में 52 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक डेबिट कार्ड के मामले में ट्रांजैक्शन की वृद्धि नोटबंदी की अवधि के दौरान अधिक रही। वैल्यू के लिहाज से आरटीजीएस और एनईएफटी दोनों के ट्रांजैक्शन में एचडीएफसी बैंक शीर्ष दस बैंकों में सबसे आगे रहा है। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक का स्थान रहा है। तीसरे स्थान पर एक्सिस और आईसीआईसीआई बैंक में होड़ रही। आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के मामले में एक्सिस बैंक तीसरे स्थान पर रहा तो एनईएफटी के मामले में आईसीआईसीआई बैंक ने बाजी मारी। बैंकिंग ट्रांजैक्शन के मामले में रिपोर्ट में मोबाइल बैंकिंग का जिक्र भी किया गया है। इसके मुताबिक एनईएफटी और आरटीजीएस के मुकाबले मोबाइल बैंकिंग के कुल कारोबार का आकार सिकुड़ रहा है। पिछले एक साल में पेटीएम ने इस बाजार में अपनी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाई है।