अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के दौरान ब्याज दर में फिर कटौती के प्रबल आसार

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खुदरा महंगाई जनवरी में लगातार 19 महीने के निचले स्तर पर रहने के बाद फरवरी 2019 में मामूली तौर पर बढ़ सकती है। हालांकि यह आरबीआई के अनुमान से काफी कम रहेगी। इससे अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के दौरान ब्याज दर में फिर कटौती के प्रबल आसार हैं। ऐसे में बैंक होम लोन, आॅटो लोन या पर्सनल लोन के ग्राहकों को एक और राहत दे सकते हैं। हालांकि फरवरी में 0.25 फीसदी की कटौती का पूरा लाभ अभी तक बैंकों ने ग्राहकों को नहीं दिया है। दरअसल, देश के बड़े बैंकों व वित्तीय संस्थानों के शीर्ष 37 अर्थशास्त्रियों के अनुमान में सामने आया है कि फरवरी में खुदरा महंगाई 2.43 फीसदी रह सकती है, जबकि जनवरी में यह 2.05 फीसदी रही थी। इससे ब्याज दर में कटौती का सबसे मजबूत आधार बना है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगले कुछ महीनों के दौरान तीन फीसदी के नीचे रह सकती है। यह मध्यम अवधि में महंगाई चार फीसदी के नीचे रखने के आरबीआई के लक्ष्य से काफी कम है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री शिलन शाह ने कहा कि तेल और खाद्य महंगाई में उछाल के बावजूद खुदरा महंगाई चिंता के स्तर से काफी नीचे रहेगी। इससे आरबीआई को ब्याज दर में कटौती का आधार मिलेगा और वह मौद्रिक नीति को सख्त बनाने की बजाय महंगाई को लेकर निश्चिंत रह सकता है। आईएनजी एशिया के अर्थशास्त्री प्रकाश सकपाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल में बढ़ोतरी के बाद अगले वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही से महंगाई फिर ऊंचाई का रुख कर सकती है और रुपया कमजोर रह सकता है, लेकिन अगले कुछ महीनों में राहत रहेगी।