प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी निजी बचत को किया दान, सियोल शांति पुरस्कार के साथ मिली दो लाख डॉलर करीब 1.42 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि भी महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम को कि थी दान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार फिर नजीर पेश करते हुए अपनी निजी बचत को दान कर दिया है उन्होंने अपनी 21 लाख की बचत को कुंभ सफाई कर्मचारी कॉरपस फंड को दान किया पिछले महीने उन्होंने सियोल शांति पुरस्कार से मिली करीब डेढ़ करोड़ की राशि भी नमामि गंगे के लिए दान कर दी थी ,प्रधानमंत्री मोदी पहले भी अपनी सैलरी और अन्य सम्मान से मिलने वाली राशि दान करते रहे हैं पीएम मोदी को पिछले महीने फरवरी में दक्षिण कोरिया में प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था उन्होंने इस सम्मान के साथ मिली दो लाख डॉलर करीब 1.42 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम को दान कर दी प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों प्रयागराज में कुंभ मेले में शामिल हुए थे उन्होंने कुंभ मेले में यात्रा के दौरान यहां की सफाई से जुड़े सफाईकर्मियों की तारीफ की थी 8000 से ज्यादा सफाईकर्मी पिछले 3 महीने से कुंभ को साफ रखने में जुटे हैं इस दौरान उन्होंने 5 सफाईकर्मियों के पैर भी धोए थे जो सोशल मीडिया में खूब वायरल भी हुआ था इसके बाद मोदी ने उन्हें अंगवस्त्र देकर उनका आभार जताया और धन्यवाद भी किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा पंडाल में स्वच्छाग्रहियों और सुरक्षा कर्मियों को सम्मानित भी किया उन्होंने दो नाविकों राजू और लल्लन को भी पुरस्कृत किया ,इससे पहले अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूंकप के बाद पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक महीने की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में दान की थी मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के सरकारी ड्राइवरों और चपरासियों की कन्याओं के कल्याण के लिए एक खास तरह का कोष शुरू करने के लिए अपनी निजी बचत से 21 लाख रुपये दान कर दिया था प्रधानमंत्री मोदी ने तब दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि इस कोष को एक ऐसे फाउंडेशन के रूप में ऐसे विकसित किया जाएगा कि जिसमें भविष्य में आम लोग भी दान कर सकें यह सीधे मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की देखरेख में संचालित किया जाएगा इससे पहले 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद मिले 18,710 गिफ्ट को उन्होंने दान कर दिया था, इन उपहारों की नीलामी से करीब 90 करोड़ की राशि एकत्र हुई और इसके जरिए कन्या शिक्षा के लिए कोष बनाया गय