भोपाल। राजधानी जीआरपी को गुजरात (लट्ठा कांड) के ऐसे शातिर बदमाश को पकड़ने में कामयाबी मिली है जिस पर जहरीली शराब पिलाकर 23 लोगों को मार डालने का आरोप है। बदमाश अहमदाबाद की साबरमती केंद्रीय जेल से पैरोल से रिहा होने के बाद फरार चल रहा था। इसके बाद उसने ट्रेनों के एसी कोच में चोरी करना शुरू कर दिया। जीआरपी को आरोपी योगेंद्र ने बताया है कि वो अहमदाबाद में देशी शराब बनाकर बेचने का धंधा करता था। साल 2009 में शराब में कैमिकल की मात्रा ज्यादा हो जाने से वह जहरीली हो गई। इस शराब को पीने से 23 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में उसके खिलाफ अहमदाबाद के कडियापीठ थाने में मामला दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी के बाद वो 9 साल तक साबरमती सेंट्रल जेल में अपने साथियों के साथ कैद में रहा। इस दौरान अस्थाई पैरोल पर कई बार बाहर आया। 2017 में उसने एक बार फिर पैरोल लिया और इंदौर आकर छिपकर रहने लगा। जहां उसने दिन में साड़ी बेचने और रात में चोरी करने का काम शुरू कर दिया। जीआरपी ने ऐसे किया गिरफ्तार जानकारी के अनुसार कुछ दिन से भोपाल से गुजरने वाली ट्रेनों के एसी कोच में चोरी होने की सूचना मिल रही थी। पुलिस ने एक टीम गठित कर सीसीटीवी खंगाले तो हर घटना के बाद एक शख्स नजर आया। पुलिस ने बीते दिनों घेराबंदी कर संदिग्घ को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपने आपको इंदौर का निवासी बताया। कड़ी पूछताछ में उसने ट्रेनों में दो दर्जन से अधिक चोरी की वारदात करना कबूल किया है। चोरी के आरोपी योगेंद्र ने बताया है कि वह हमेशा एसी कोच में ही वारदात को अंजाम देता था। इसके लिए वो वकायदा एसी का टिकट बुक कराता था। सफर के दौरान जो महिला यात्री सिर के नीचे हैंड बेग चोरी कर लेता था। नगदी और आभूषणों के अलावा उसकी नजर एटीएम कार्ड पर होती थी। चोरी के दौरान बैग में मिले मोबाइल को वह पूरा सर्च करता था और एटीएम का पिन सर्च करता था। अगर पिन मिल गया तो आरोपी एटीएम से रुपए भी निकल लेता था।