लंदन। 23 वर्षीय क्रिस्टा डेविस की कहानी सुनकर आप उन्हें सलाम करेंगे। उन्हें अपनी गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में ही पता चल गया था कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के जिंदा रहने की संभावना नहीं है। डॉक्टर्स ने बताया कि क्रिस्टा के बच्चे का दिमाग और खोपड़ी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। लिहाजा यदि वह कुछ घंटे भी जी सके, तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। ऐसे में डॉक्टरों ने क्रिस्टा को दो विकल्प दिए थे। वह अबॉर्शन करा लें या गर्भावस्था को पूरे समय तक ले जाएं और बच्चे को जन्म दें और फिर उसके अंगों का दान कर सकते थे। क्रिस्टा ने दूसरा विकल्प चुना। उन्होंने बच्चे को धरती पर लाने का फैसला किया, ताकि अन्य शिशुओं को जीवन में दूसरा मौका मिल सके। डेविस ने बताया कि हमने तय किया कि अगर हम अपनी बेटी को घर नहीं भी ला पाएंगे तो भी किसी दूसरी मां को उस स्थिति से नहीं गुजरना होगा, जिससे हम गुजर रहे हैं। बेबी रेली का जन्म क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हुआ था और नए साल की पूर्व संध्या पर वह दुनिया को अलविदा कह गई। मगर बच्ची उम्मीद से कहीं अधिक समय तक जीवित रही और उसने दूसरे बच्चों को भी जीवनदान दिया। रेली ने दो हार्ट वाल्व दान किए और उसके फेफड़े का उपयोग अनुसंधान और विकास के लिए होगा। इस कहानी को बताते हुए डेविस ने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि हमारी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। मगर, इस बात की खुशी भी है कि वह दूसरों को जिंदगी का दूसरा मौका दे गई।