लोकतंत्र को सफल बनाने जनादेश का सम्मान जरूरी : वेंकैया नायडू

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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि नैतिक और जिम्मेदार नेतृत्व समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत को समझना, आम जनता के साथ बातचीत करना और युवाओं की बदलती हुई आकांक्षाओं का पता लगाना सार्वजनिक जीवन में आकांक्षा रखने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्री नायडू बुधवार को थाणे (महाराष्ट्र) आधारित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप के छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भविष्य बनाने वाले छात्रों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए प्रत्येक संस्थान की भूमिका, जिम्मेदारी और लोकतंत्र में उनकी कार्यप्रणाली के महत्व की अच्छी समझ की जरूरत है। भारत के लोकतंत्र में विभिन्न आकांक्षाओं वाली 130 करोड़ से भी अधिक की आबादी शामिल हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए एक ईमानदार सरकार, स्पष्ट विजन और प्रतिबद्ध नेतृत्व की जरूरत है। उन्होंने इंस्टीट्यूट आॅफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप जैसे विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों से छात्रों में उनके स्कूल के दिनों से ही ऐसे गुणों को विकसित करने का आग्रह किया। श्री नायडू ने कहा कि छात्रों को लोकतांत्रिक गणराज्य की कार्यप्रणाली को समझाने और उन्हें संसदीय प्रणाली से परिचित कराना भी बहुत आवश्यक है। श्री नायडू ने कहा कि एक जागरूक नागरिक, एक जीवंत और जिम्मेदार समाज, एक मजबूत संस्थागत ढांचा और जिम्मेदार नौकरशाही देश को भूख से मुक्त बनाने, अत्याचारों से मुक्त करने, असमानताओं से मुक्त करने और जाति, लिंग और धर्म आधारित भेदभाव से मुक्त करने की दिशा में भारत का महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने इच्छा जाहिर की कि युवा आधुनिक दुनिया में उभर रही नई-नई चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाएं। उन्होंने युवाओं से अपने मस्तिष्क को लोकतांत्रिक बनाने के कहा, जो नए विचारों को ग्रहण करे और दूसरों के विचारों के प्रति सहिष्णु भी हो। लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए जनता के जनादेश का सम्मान करना भी महत्वपूर्ण है। हमें इसका सम्मान करना सीखना चाहिए। इस अवसर पर सांसद डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।