इंदौर। हम जनादेश का आदर करते हैं। अपनी बात जनता को समझाने में हम नाकामयाब रहे। कार्यकतार्ओं ने जी-जान से मेहनत की, लेकिन लोगों ने मोदी को जिताने का मन बना रखा था। जनता का मन पढ़ने में हम असफल हुए। लोकसभा चुनाव में हारने के बावजूद हमारी सरकार को खतरा नहीं है। हम पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और फिर अपने काम का लेखा-जोखा जनता के सामने लेकर जाएंगे। मंत्रियों से इस्तीफा मांगना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। वे कहेंगे तो मैं दे दूंगा। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कही। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद वे शुक्रवार को प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब हुए। उनके साथ कांग्रेस के हारे प्रत्याशी पंकज संघवी और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और राजेश चौकसे भी मौजूद थे। पटवारी ने हार स्वीकारते हुए कहा कि इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है। जहां तक ईवीएम में गड़बड़ी का सवाल है तो इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता निर्णय लेंगे। छह माह में मतदान में आए बदलाव को लेकर पटवारी ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं। छह माह पहले जनता ने कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस को जनादेश दिया था और लोकसभा चुनाव में मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसी दल का नहीं अपितु पूरे देश का होता है। हमें अपेक्षा करनी चाहिए कि मोदी प्रदेश सरकार को सहयोग करेंगे और प्रदेश का विकास बाधित नहीं होने देंगे। मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर पूछे सवाल पर पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुझे मंत्री बनाया है। वे चाहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे जिसे चाहें मंत्री रखें। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को रविवार को भोपाल बुलाया है। इसमें पार्टी की हार पर चर्चा हो सकती है। पराजित प्रत्याशी पंकज संघवी ने कहा कि जनता ने जो निर्णय दिया है, वे उसका सम्मान करते हैं। वे हार के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराएंगे। उन्होंने कहा- हवा ही ऐसी थी कि सब हार गए। सबके साथ मैं भी हार गया। राहुल गांधी की भूमिका को लेकर पटवारी ने कहा कि वे उन्होंने पहले भी अच्छे विपक्ष की भूमिका निभाई है और आगे भी निभाते रहेंगे। नगर अध्यक्ष बाकलीवाल के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि वे प्रभारी अध्यक्ष हैं। इस बारे में तो अध्यक्ष प्रमोद टंडन से पूछा जाना चाहिए।