नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे कारोबारियों के लिए कुछ और चुनावी वादे किए हैं। शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में उन्होंने कहा- भाजपा 23 मई को दोबारा सत्ता में आने के बाद जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए किसानों की तरह व्यापारी क्रेडिट कार्ड योजना लाएगी। व्यापारियों का 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कराया जाएगा। सरकार व्यापारी कल्याण बोर्ड भी बनाएगी। स्टार्टअप सेक्टर के लिए बिना कोलैट्रल सिक्युरिटी के 50 लाख रुपए का कर्ज देने की योजना भी लाएगी। देश में करीब 3 करोड़ छोटे व्यापारी हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी छोटे कारोबारियों को पेंशन देने और राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाने का वादा किया था। वहीं, किसानों के लिए कहा था कि दोबारा सत्ता में आए तो किसान क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख के कर्ज पर 5 साल ब्याज नहीं लगेगा। मोदी ने व्यापारी सम्मेलन में कहा कि व्यापारियों ने हमेशा देश के बारे में सोचा। देश के व्यापारियों की वजह से ही भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। मोदी ने कहा- आजादी के बाद से कांग्रेस के शासन में व्यापारियों को लेकर धारणा बना दी गई थी कि देश में जो भी गड़बड़ हो रही है, वह सिर्फ व्यापारियों की वजह से हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा- सच्चाई यह है कि मेरे देश का सामान्य व्यापारी तो महंगाई की दोगुनी मार झेलता है। एक तो वह खुद अपने घर का बजट बनाता है तो दिक्कत होती है। दूसरा महंगाई की वजह से लोगों के सारे पैसे आवश्यकता की पूर्ति में खर्च हो जाते थे तो दुकानदारों के व्यापार में कमी होती थी। उसका असर व्यापारी समाज पर पड़ता है। महंगाई कंट्रोल होती है तो जेब में पैसे होते हैं, तब बाजार में लगते हैं और व्यापार तेजी से बढ़ता है। मोदी ने कहा- पहले देश में कारोबारियों को जंगल के कानूनों और कानूनों के जंगल। दोनों से जूझना पड़ता था। 2014 में जब आपने बुलाया था, तब मैं प्रधानमंत्री नहीं था। तब लोग डरते थे मेरी सभा में आने से कि उनपर इनकम टैक्स की रेड पड़ जाएगी। पहली बार इसी मंच पर एक बात कही थी कि देश में ऐसी सरकार है, जो नए-नए कानून बनाने का काम करती है। मैंने कहा था कि मैं आऊंगा तो हर दिन एक कानून खत्म करूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा- जीएसटी के बाद व्यापार में पारदर्शिता आई और कच्चे-पक्के के चक्कर से आप मुक्त हो गए हैं। जीएसटी से राज्यों का राजस्व डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। जीएसटी की व्यवस्था आपके सुझावों पर चल रही है। अगले बजट तक इंतजार नहीं करना होता। यह नहीं कह सकता हूं कि सरकार से गलतियां नहीं होतीं। इतना बड़ा देश है कि एक इलाके के लिए जो सही हो, वह दूसरे इलाके के लिए भी सही हो। आपकी सलाह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। हम आपको जितना प्रोत्साहन दे सकें, वह कम है।